एक तरफ संतों की सभा दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसैनिकों का अयोध्या दौरा ,होगी योगी सरकार की अग्निपरीक्षा 25 नवंबर को एक बार फिर अयोध्या गर्म होने जा रही है। 25 नवंबर को अयोध्या के कारसेवक पुरम में होने वाले संत सम्मेलन और इसी दिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम को लेकर दुनिया की निगाहें अयोध्या पर होंगी।अयोध्या में क्या हुआ क्या नहीं हुआ यह चर्चा पूरी दुनिया में होगी। एक तरफ कारसेवकपुरम में राम मंदिर निर्माण को लेकर संत हुंकार भरेंगे तो दूसरी तरफ इसी दिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने सैनिकों के साथ राम मंदिर निर्माण को लेकर रणभेरी बजाएंगे।बाबरी विध्वंस की बरसी 6 दिसंबर के पूर्व 25 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम व संत सभा की बैठक को लेकर शासन प्रशासन दोनों अलर्ट है क्योंकि शिवसेना पहले ही बाबरी विध्वंस को लेकर अपना श्रेय जता चुकी है और इसी को आधार मानकर अब शिवसैनिक राम मंदिर निर्माण के लिए हुंकार भरने जा रहे हैं।
शिवसेना ने लगवाए होर्डिंग लिखवाया अयोध्या चलें और राम मंदिर निर्माण में भागीदारी निभाएं शिवसेना का मानना है कि जिस तरह शिव सैनिकों ने बाबरी मस्जिद को ढहाया था उसी तरह से अब शिवसैनिक ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेंगे। जिस तरह से शिवसेना ने अयोध्या में होर्डिंग्स लगाकर ये आह्वान कर रही है कि अयोध्या चलिये और राम मंदिर निर्माण में भागीदारी निभाएं। ऐसा लगता है जैसे शिवसेना एक आंदोलन की राह पर निकलने की तैयारी कर रही है। विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि कई वर्षों से हम सुप्रीम कोर्ट में याची रूप में खड़े हैं और भगवान राम भी खुद याची के रूप में खड़े होकर अपने मंदिर के निर्माण होने की राह देख रहे हैं। ऐसे में अब सरकार को यह तय करना होगा कि वह जल्द से जल्द अध्यादेश लाकर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराए। वहीं दूसरी तरफ रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी कहा कि 2019 से पहले अगर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त नहीं होता है तो लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे ही अयोध्या के सभी संत राम मंदिर निर्माण के लिए एक सुर में अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। आरएसएस भी राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार से अध्यादेश लाने की बात को पहले ही कह चुकी है।