फैजाबाद

SMS में रचे गए इतिहास के बाद अब जल्द बनेगी ऑगर्न ट्रांसप्लांट की बिल्डिंग, मिलें उस दीपक से जिसने लगाया ‘चांद’

दीपक ने राजस्थान में सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस पर लिवर प्रत्यारोपण का ‘चांद’ लगाया। आईएलबीएस दिल्ली से भी आई 15 लोगों की टीम…

फैजाबादFeb 18, 2017 / 06:22 pm

vijay ram

Donor deepak

सवाई मानसिंह अस्पताल के लिए शनिवार का दिन एतिहासिक दिन साबित हुआ। आखिरकार तीन साल के लम्बे इंतजार के बाद एसएमएस अस्पताल में आईएलबीएस दिल्ली की सहायता से किडनी, हार्ट और लीवर का सफल ट्रांसप्लांट किया गया, और यह सब संभव हो पाया पावटा, कोटपुतली जयपुर के एक ब्रेन डेड मरीज दीपक के परिजनों द्धारा उसके अंगदान करने से।

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अस्पताल में शुक्रवार रात 2 बजे दीपक के हार्ट, लीवर और कीडनी निकालने के लिए ऑपरेशन शुरू हुआ। सुबह 6 बजे अस्पताल से एयरपोर्ट तक ग्रीन कोरिडोर बनाया गया। जिसमें मात्र 7 मिनट में हार्ट को दिल्ली रवाना करने के लिए एयरपोर्ट पहुंचाया गया। हार्ट का सफल ट्रांसप्लांट दिल्ली में हुआ। लीवर और किडनी का सफल ट्रांसप्लांट एसएमएस अस्पताल में ही शनिवार सुबह छ बजे शरू हुआ जो करीब दोपहर 12 बजे तक चला। इस ऑपरेशन में उदयसिंह को लीवर और गोविंद और कैलाश को किडनी प्रत्यारोपित की गई।

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एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य डॉ.यू.एस.अग्रवाल ने बताया कि ऑगर्न ट्रांसप्लांट का पहला चरण सफल हुआ है। इसके लिए आईएलबीएस दिल्ली से आए डॉ. विनेन्द्र पामेचा और उनकी टीम, डॉ.रनबीर राव, डॉ. अजय शर्मा, डॉ. विनय तोमर, डॉ. एस.एस शर्मा और एसएमएस अस्पताल की टीम ने काम किया।

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लिवर ट्रांसप्लांट हमारे लिए बहुत ही चुनोती भरा था। उन्होंने बताया कि इसके लिए ब्लड बैंक, एयरपोर्ट और इंडीगो फ्लाइट का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। जिन्होंने 10 मिनट पहले ही फ्लाइट रवाना की। डॉ. विनेन्द्र पामेचा ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा और सभी मरीजों की स्थिति में सुधार है। जल्द ही उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया जाएगा, और तीन से चार हफ्ते में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

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डॉ.अजय शर्मा ने बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट करने से पहले सबसे जरूरी यहां के ओ.टी और आई.सी.यू को स्टैण्डर्ड लेवल पर तैयार करना था। उन्होंने बताया कि आईसीयू में स्टैण्डर्ड लेवल के पांच क्यूबिकल बनाए गए हैं। ताकि हवा के जरिए भी संक्रमण एक से दूसरे क्यूबिकल में नहीं पहुंच पाए।

जल्द बनेगी ऑगर्न ट्रांसप्लांट की बिल्डिंग
प्राचार्य डॉ.अग्रवाल ने बताया कि शहर में एसएमएस अस्पताल के पास जल्द ही ऑगर्न ट्रांसप्लांट का भवन भी बनेगा। दो से तीन साल में 9 से 10 मंजिला बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएगी। केन्द्र सरकार के पास इसके लिए याचिका भेजी गई है। जल्द ही स्वीकृति मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।

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खुद मरकर, चार लोगों की जान बचाई दीपक ने
जिस व्यक्ति का लिवर एसएमएस होस्पीटल में ट्रांसप्लांट किया गया, वह हादसे में डेड हुआ। उसके अंग चार लोगों के काम आए हैं। हार्ट, लीवर और कीडनी के साथ ही ब्लड डोनेट हुआ।

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