scriptआजाद हिंद फौज के 450 जवान शहीद हो गए और परिजनों को पता तक नहीं | 450 soldiers of Azad Hind Fauj were martyred, the families didn't know | Patrika News

आजाद हिंद फौज के 450 जवान शहीद हो गए और परिजनों को पता तक नहीं

locationफरीदाबादPublished: Aug 17, 2020 12:15:45 am

Submitted by:

Yogendra Yogi

(Haryana News ) आजादी की जंग में शहीद होने वाले (Martyers of freedom ) सिपाहियों के पुरखों को पता तक नहीं है कि उनके परिवार के किसी बुजुर्ग ने अंग्रेजों से विद्रोह नेताजी सुभाष चन्द्र बोस (Subhash Chandra Bose ) की आजाद हिन्द फौज (Azad Hind Fauj ) में भर्ती होकर देश की देश की खातिर अपनी जान गंवा दी। हरियाणा में ऐसे करीब 450 गुमनाम शहीदों के रिकार्ड को ढूंढ निकाला गया है।

आजाद हिंद फौज के 450 जवान शहीद हो गए और परिजनों को पता तक नहीं

आजाद हिंद फौज के 450 जवान शहीद हो गए और परिजनों को पता तक नहीं

फरीदाबाद(हरियाणा): (Haryana News ) आजादी की जंग में शहीद होने वाले (Martyers of freedom ) सिपाहियों के पुरखों को पता तक नहीं है कि उनके परिवार के किसी बुजुर्ग ने अंग्रेजों से विद्रोह नेताजी सुभाष चन्द्र बोस (Subhash Chandra Bose ) की आजाद हिन्द फौज (Azad Hind Fauj ) में भर्ती होकर देश की देश की खातिर अपनी जान गंवा दी। हरियाणा में ऐसे करीब 450 गुमनाम शहीदों के रिकार्ड को ढूंढ निकाला गया है। आजाद हिंद फौज के इन शूरवीरों को अब सरकारी रिकार्ड में शामिल कराने की कवायद की जा रही है, ताकि देश पर जान न्यौछावर करने वालों में उन्हें शामिल कराया जा सके और उनके आश्रितों को पेंशन मिल सके।

रिकार्ड सार्वजनिक हुआ
अब बोस के तमाम दस्तावेज सार्वजनिक हो चुके हैं, इसलिए राष्ट्रीय अभिलेखागार विभाग के पास बोस के तमाम सिपाहियों का रिकार्ड भी सार्वजनिक है। इसी रिकार्ड को पिछले सात साल से चरखीदादरी के गांव दाणी फौगाट के मूल निवासी श्रीभगवान फौगाट (अभी रेवाड़ी में रहते हैं) खंगाल रहे हैं। श्रीभगवान के पिता श्रीराम सिंह फौगाट भी आजाद हिंद फौज के ही गुमनाम सिपाही थे जिन्हें लंबे संघर्ष के बाद श्रीभगवान ने पहचान दिलवाई। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की है कि वे इन गुमनाम सिपाहियों का नाम संबंधित जिला उपायुक्तों के माध्यम से उनके परिजनों तक पहुंचाएं और इन स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को पेंशन सुविधा भी दें।

दस्तावेज गोपनीय थे
इन सभी का रिकार्ड राज्य सरकार के अधीनस्थ हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति को भेजा है ताकि इन्हें उनके परिजनों तक पहुंचाया जा सके। बोस की आजाद हिंद फौज के अफसरों ने अपनी विभिन्न रेजीमेंटों को उनके इलाकों के हिसाब से नाम दिया हुआ था। इस रेजीमेंट के एक-एक सिपाही का रिकार्ड उन्होंने रखा था। सिपाहियों का ये रिकार्ड सुभाष चंद्र बोस के गोपनीय दस्तावेजों का ही हिस्सा था। आजादी के बाद कई दशकों तक ये दस्तावेज सरकार ने गोपनीय रखे।

बगावत कर आजाद हिंद फौज में गए
हरियाणा के कई लोगों को तो सिर्फ इतना ही मालूम है कि उनके पूर्वज कभी ब्रिटिश फौज का हिस्सा थे। ब्रिटिश फौज ने उन्हें विभिन्न मोर्चों पर भेजा और उसके बाद वे कभी लौटकर नहीं आए। वे इससे अनजान हैं कि उनके पूर्वज नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आह्वान पर अंग्रेजों से बगावत कर ब्रिटिश आर्मी छोड़कर अपने देश को आजाद करवाने के लिए आजाद हिंद फौज के सिपाही बन गए थे।

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