रावण का यह पुतला करीब तीस लाख रूपए की लागत से तैयार किया गया है। इसमें इको फ्रेंडली आतिशबाजी लगाई गई थी। यह पुतला इस बार पंचकूला में बनाया गया लेकिन इससे पहले अम्बाला के बराडा में बनाया जाता था। करीब पांच माह में बनकर तैयार हुए इस पुतले में करीब एक हजार बांस और तीन हजार मीटर कपडा इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा दो हजार मीटर मैट भी लगाया गया है। लोहे के ढांचे के जरिए पुतले को खडा किया गया। पुतले को रंगीन कपडों से सजाया गया है।
रावण का दुनिया में सबसे बडा पुतला बनाने वाले राणा तेजेन्द्र चैहान ने बताया कि इसे तैयार करने में करीब पांच माह का समय लगा है। पुतले के लिए तमिलनाडु से इको फ्रेंडली आतिशबाजी मंगाई गई थी। इसमें करीब दो हजार पटाखे लगाए गए थे। इसके अलावा फुलझडियां एवं अन्य आतिशबाजी लगाई गई। रावण का चेहरा फाइबर से बनाया गया। बडी के्रनो की मदद से इस पुतले को खडा किया गया। पुतला आकर्षण का केन्द्र बन गया और लोग खासकर स्कूली बच्चे दशहरे से पहले ही इसे देखने आने लगे थे। पुतले के अंगों के माप के बारे में तेजेन्द्र चैहान ने बताया कि इसकी टांगें 40 फीट,धड 85 फीट,चेहरा 25फीट,मुकुट 50 फीट और छत्र 10 फीट का बनाया गया था।