फरीदाबाद

फरीदाबाद का खुले में शौच से मुक्त होने का दर्जा निलंबित

अभी फरीदाबाद का खुले में शौच से मुक्त होने का प्रमाणपत्र निलंबित किया गया है…

फरीदाबादJul 19, 2018 / 06:29 pm

Prateek

file photo

(चंडीगढ): हरियाणा के शहर फरीदाबाद का पिछले साल सितम्बर में मिला खुले में शौच से मुक्त होने का दर्जा हाल में निलंबित कर दिया गया। क्वालिटी कौंसिल आॅफ इंडिया की टीम ने जब यह देखा कि शहर में अभी लोग खुले में शौच कर रहे हैं तो मुक्त होने का दर्जा निलंबित कर दिया गया।

 

स्वच्छ भारत मिशन के तहत क्वालिटी कंट्रोल आॅफ इंडिया को सर्वे के लिए नियुक्त किया गया था। इस सर्वे की रिपोर्ट हाल में जारी की गई है। क्वालिटी कौंसिल आॅफ इंडिया हर छाह माह में यह देखने के लिए सर्वे करती है कि मानकों को कायम रखा जा रहा है या नहीं।

 

अभी फरीदाबाद का खुले में शौच से मुक्त होने का प्रमाणपत्र निलंबित किया गया है। लेकिन यदि अधिकारी यह सुनिश्चित नहीं कर पाते कि लोग खुले में शौच नहीं कर रहे हैं तो प्रमाणपत्र रद्य भी किया जा सकता है। अगला सर्वे भी एक माह बाद किया जाएगा। शहर को 29 सितम्बर 2017 को खुले में शौच से मुक्त होने का प्रमाणपत्र मिलने के बाद 6117 घरों में शौचालय और 29 सामुदायिक शौचालयों के निर्माण पर करोडों रूपए खर्च किए गए। नगर निगम ने शहर के विभिन्न हिस्सों में 310 मोबाइल शौचालय रखवाये थे। इनमें से कई मोबाइल शौचालय हटाकर स्थायी कंक्रीट के शौचालयों का निर्माण किया गया था। करीब 12 हजार घरों में शौचालय निर्माण के लिए प्रशासन की ओर से आर्थिक सहायता दी गई थी। लेकिन यह कवायद तक नाकाम हो गई जबकि क्वालिटी कौंसिल ने लोगों को खुले में शौच करते देखा।

 

सर्वे में कई मोबाइल शौचालय टूटे या इस्तेमाल के अयोग्य पाये गए। उल्लंघन करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि खुले में शौच करने वालों पर 500 रूपए जुर्माने का प्रावधान है। उधर सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि शहर में एनजीओ की मदद ली जाना चाहिए। शहर को और अधिक शौचालयों की जरूरत है। इसका कारण है कि 20 हजार लोग झोंपडियों में रहते है।

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