कोर्ट ने हैरानी जताई कि मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने कॉल ट्रांसक्रिप्शन की पूरी डीवीडी को ही नहीं सुना है। कहा कि आरोपियों के मोबाइल में 2 हजार से ज्यादा कॉल की पूरी जांच ही नहीं की गई है, जिसकी रिपोर्ट दो महीने में देने के लिए कहा गया है।
असल में हरियाणा सीएम स्क्वायड टीम ने अप्रैल माह खुलासा किया था कि एचएसएससी में ड्राइवर,क्लर्क, क्लर्क (जनरल), ग्रिड ऑपरेटर, टाइपिंग टेस्ट, कंडक्टर भर्ती के नाम पर रुपए लिए जा रहे हैं। 8 कर्मचारियों को इसके आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह काम कई ऑफिसरों के घर तक से ऑपरेट हो रहा था। सारी डीलिंग मोबाइल फोन पर होती थी। ड्राइवर की भर्ती के लिए 3-4 लाख और क्लर्क के लिए 10 लाख रुपए तक वसूले जाते थे। टीम ने 3 आरोपियों से लाखों रुपए कैश, दो लैपटॉप, एक डायरी समेत कई सबूतों को जमा किया था। पंचकूला से भी कुछ डाटा बरामद किया था। इसमें कुछ पेपर्स की डिटेल है।