उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों को आवास मुहैया कराने के लिए दीनदयाल जन आवास योजना बनाई गई है। आवास निर्माण के लिए अब तक 300 लाइसेंस दिए गए है। इन लाइसेंसों के तहत एक लाख पचास हजार लोगों को आवास मिलेंगे। उन्होंने कहा कि अब भवन निर्माण के लिए नियम आसान बनाए गए है। स्व प्रमाणीकरण की व्यवस्था लागू की गई है। बगैर लाइसेंस के रिहायशी भवन चार मंजिल तक बनाए जा सकेंगे। संस्थागत और शैक्षिक भवन निर्माण के लिए प्लान अलग-अलग ना होकर एक ही रहेंगे। बेसमेंट भी आवास के लिए खोल दिए गए है। कृृषि भूमि पर शैक्षिक संस्थान खोलने के लिए अब एनओसी की जरूरत भी समाप्त कर दी गई है। अब एक एकड तक का भूमि उपयोग परिवर्तन उपायुक्त कर सकेंगे। पेट्रोल पम्प के लिए कम्पनी को नीलामी से जमीन दी जायेगी। इसके लिए नीति तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में नौ नए सेक्टर विकसित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि एनहांसमेंट पर आगामी दस दिन में नई नीति लाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने भूमि उपयोग परिवर्तन में विवेकाधिकार समाप्त कर दिया गया है। अब नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के निदेशक को मानक आधार पर भूमि उपयोग परिवर्तन के अधिकार सौंपे गए है। ये अधिकार 1 नवम्बर 2016 को सौंप दिए गए थे।