धान का स्टॉक करेगी हरियाणा सरकार।मिलिंग से एक माह पहले करेंगे मिल मालिकों को अलाट।धान घोटाले के बाद सरकार उठाएगी कई कदम।सीसीटीवी की नजर में होगा स्टॉक, मुख्यालय को मिलेगी डेली रिपोर्ट।
कैमरा अलर्ट! छिड़का पानी तो महंगी पड़ेगी कारस्तानी
चंडीगढ़. एक तरफ जहां हरियाणा में हुए धान घोटाले की जांच चल रही है, वहीं सरकार ने भविष्य में इस घोटाले की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए फैसला लिया है कि अगले सीजन से धान का स्टॉक करने के बाद ही उसे मिल मालिकों को अलाट किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया न केवल कंप्यूटरीकृत होगी, बल्कि सीसीटीवी की भी नजर रहेगी। हरियाणा में इस साल 90 करोड़ का धान घोटाला उजागर हुआ है। प्रदेश की 1305 चावल मिलों में फिजिकल वेरीफिकेशन के बाद 1207 चावल मिलों में गड़बड़ी पाए जाने पर मिल मालिकों को नोटिस भी जारी किए गए हैं। यह गड़बड़ दोबारा न हो इसके लिए सरकार अभी से सतर्क हो गई है। हरियाणा में औसतन 14 लाख हेक्टयर में धान की रोपाई होती है। मोटे धान की खरीद सरकार खुद करती है। इस धान को सरकार मिलिंग के लिए चावल मिलों को सौंपती है। यह प्रक्रिया लाभदायक नहीं होने के चलते सरकार ने धान सीधे चावल मिलों को नहीं देने की योजना बनाई है। सरकार ने धान को स्टॉक के रूप में रखेगी। एक माह पहले मिल मालिकों को दिया जाए धान
मिलिंग से एक माह पहले धान मिल मालिकों को दिया जाए। उसके बदले चावल आने के बाद अगली खेप जारी की जाएगी। प्रदेश में करनाल, कुरूक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद और अंबाला आदि जिलों में स्टॉक किए जाने की योजना है। इसी स्टॉक पर कैमरे भी लगाए जाएंगे। निगरानी विभाग करेगा और यह स्टॉक ओपन होगा। इसमें से जितनी डिमांड होगी, उतना धान मिल मालिकों को दिया जाएगा। अब जो स्टॉक लगाया जाएगा, उसमें लगा पूरा धान कैमरों की नजर में रहेगा। कई बार विभाग के कर्मचारियों पर आरोप लगते रहे हैं कि गेहूं या धान का वजन बढ़ाने के लिए पानी छिड़कदिया जाता है। अब इस तरह के आरोप भी नहीं लगेंगे, क्योंकि कैमरों से मॉनीटरिंग स्टेट मुख्यालय तक जोड़ी जाएगी। यही नहीं स्टॉक कहीं खराब हो रहा है तो यह भी पहले से पता चल सकेगा। धान का विभाग कर सकता है स्टॉक हरियाणा में हाल ही सामने आए धान घोटाले के बाद कई एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। इसके चलते अगले साल से योजना बनाई जा रही है कि विभाग धान का स्टॉक कर सकता है। इसी स्टॉक में से करीब एक माह पहले धान मिल मालिक को मिलिंग के लिए दिया जाएगा। जब पहला चावल आ जाएगा, तब अगला धान सौंपा जाएगा। ऐसे में किसी तरह की गड़बड़ी भी नहीं होगी। पहले पांच बड़े जिलों में स्टॉक किए जाने की योजना है। इस योजना को सरकार को भेजा जाएगा। मंजूरी मिलते ही लागू कर दिया जाएगा।
-पी.के. दास, एसीएस खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हरियाणा