शहीदों की आवाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार ने यहां सोमवार को पत्रकारवार्ता में कहा कि शहीदों के 250 परिवार ऐसे है जिनमें शहीद की पत्नी ने पुनर्विवाह कर लिया और शहीद हुए पूर्व पति की पेंशन का लाभ भी पुनर्विवाह के बाद पत्नी को मिल रहा है। ऐसे में शहीद के माता-पिता निराश्रित हो गए। उन्होंने कहा कि इस सामाजिक स्थिति के मद्देनजर केन्द्र सरकार को शहीदों के माता-पिता के गुजारे का बन्दोबस्त करने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि शहीदों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों के तमाम मुद्दों को लेकर संगठन की ओर से सरकार को छह हजार पत्र भेजे गए हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हरियाणा के मुख्यमंत्री से भी मिलने के लिए समय मांगा जाता रहा है लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया। उन्होंने कहा कि देश के 23000 शहीद परिवारों में से 85 फीसदी परिवारों को सरकार से कोई मदद नहीं मिली। शहीदों के माता-पिता को शहीद की पेंशन में हिस्सा मिले और केन्द्र से भी मदद मिले। इनमें वन रेंक वन पेंशन भी अभी पूर्व सैनिकों को पूरी तरह न्यायसंगत नहीं है।
उन्होंने कहा कि शहीद के परिवार को एक-एक करोड रूपए की मदद दी जाए। देश के मुस्लिम शासकों के स्थान पर परमवीर वक्र के नाम लिखे जाएं। शहीद के परिवार को मुफ्त यात्रा पास भी दिए जाएं। उन्होंने कहा कि आगामी एक नवंबर तक मांगें पूरी ना किए जाने पर हरियाणा के सैनिक बहुल क्षेत्र चरखी-दादरी,झज्जर,भिवानी,रेवाडी में कहीं अनशन शुरू किया जाएगा।