शनिवार सुबह फ्लैट से बदबू आने पर अपार्टमेंट के चौकीदार की सूचना पर पुलिस ने दरवाजा खुलवाया तो चारों के शवे फंदों लटके हुए थे। पुलिस ने चारों शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए बीके अस्पताल भेज दिए है। मौके से मिले सुसाइड नोट से पता चला कि चारों अपने माता पिता व भाई की मौत और आर्थिक तंगी के कारण परेशान थे।
थाना सूरजकुंड पुलिस के मुताबिक दयालबाग इलाके के अग्रवाल अपार्टमेंट में जेजे मैथ्यूस का परिवार रहता था। उनके परिवार में पत्नी ऐगनेस मैथ्यूस, नीना, बीना, जया, प्रदीप और संजू शामिल थे। जेजे मथयूस और उनकी पत्नी ऐगनेस हरियाणा पयर्टन निगम के होटल राजहंस में कार्यरत थे। बताया गया है कि माता पिता और छोटे भाई संजू की मौत के बाद तीन बहने और प्रदीप अकेले रह गए थे। बीना किडनी की बीमारी का शिकार थी। प्रत्येक सप्ताह उसकी डायलिसिस करवाई जाती थी। माता पिता और भाई संजू की मौत के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही थी।
दयालबाग चौकी प्रभारी रणधीर यादव ने बताया कि आसपास के अन्य फ्लैटों में रहने वाले लोगों ने मैथ्यूस के मकान में कोई चहल पहल नहीं देखी गई थी। शनिवार को उनके फ्लैट से बदबू आने लगी। अपार्टमेंट के चौकीदार ने फ्लैट का दरवाजा खटखटाया लेकिन अंदर से कोई जबाव न मिलने पर उसने पुलिस को सूचना दे दी। यादव ने बताया कि उन्होंने मौके पर पहुंच कर फ्लैट का दरवाजा खुलवाया तो अंदर प्रदीप, नीना, बीना और जया के शव फांसी के फंदे से लटके हुए थे। फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम को मौके पर बुलाकर जांच शुरू की गई।
जांच के दौरान एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है। जिसमें चारों मृतकों ने हस्ताक्षर कर कहा कि वह माता-पिता, व छोटे भाई संजू की मौत और आर्थिक तंगी से परेशान है। चारों शव पोस्टमॉर्टम के लिए बीके अस्पताल भेजे गए। लेकिन शवों की हालत खराब होने के कारण उन्हें पीजीआई रोहतक भेजा गया है। बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।