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किराए की कोख का व्यापार करने वाली किसी डॉन से कम नहीं

locationफरीदाबादPublished: Jul 16, 2020 11:14:37 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

(Hariyana News ) किराए की कोख (Surrogacy) का धंधा करने (सरोगेसी) करने वाला गिरोह बाकायदा एक (Surrogacy Don ) बैंक की तरह काम करता था। यह खुलासा हुआ पुलिस की पूछताछ में। इस गिरोह की सरगना नीलम बाकायदा किसी शातिर डॉन की तरह गिरोह चलाती थी। सरोगेट मदर उपलब्ध कराने को नीलम एआरटी (असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी) बैंक चलाती थी।

किराए की कोख का व्यापार करने वाली किसी डॉन से कम नहीं

किराए की कोख का व्यापार करने वाली किसी डॉन से कम नहीं

फरीदाबाद(हरियाणा): (Hariyana News ) किराए की कोख (Surrogacy) का धंधा करने (सरोगेसी) करने वाला गिरोह बाकायदा एक (Surrogacy Don ) बैंक की तरह काम करता था। यह खुलासा हुआ पुलिस की पूछताछ में। इस गिरोह की सरगना नीलम बाकायदा किसी शातिर डॉन की तरह गिरोह चलाती थी। सरोगेट मदर उपलब्ध कराने को नीलम एआरटी (असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी) बैंक चलाती थी। एआरटी बैंक के माध्यम से अब तक दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम और गाजियाबाद की महिलाएं सरोगेट मदर बनती रही हैं। इस खेल में सरोगेट मदर, अस्पताल प्रबंधन या आइवीएफ सेंटर तथा नीलम के बीच एमओयू साइन किया जाता था। आगरा पुलिस की जांच में नीलम के एआरटी बैंक के माध्यम ये करीब 10 महिलाओं की सेरोगेसी कराए जाने की बात यह बात सामने आ रही है।

गरीब महिलाओं को बनाया शिकार
ये महिलाएं गाजियाबाद, जनकपुरी, कृष्णा नगर, दिल्ली तथा फरीदाबाद के धीरज नगर की हैं। कई महिलाएं बिहार की मूल निवासी हैं, जो दिल्ली-एनसीआर में किराए के मकान में रहती हैं। सरोगेसी से जन्मे बच्चों को नेपाल तथा सिलीगुड़ी पहुंचाया जाता था। बच्चों को सिलीगुड़ी पहुंचाने के आरोप में आगरा पुलिस ने 8 जुलाई को बदरपुर, दिल्ली निवासी आनंद राहुल को भी पकड़ा है। आगरा पुलिस मान कर चल रही है कि बदरपुर निवासी आनंद राहुल के पकड़ में आने के बाद इस गैंग में और कई लोगों के शामिल होने जानकारी मिल सकती है।

तीन बच्चियां हुई थी बरामद
गौरतलब है कि 19 जून को आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र में लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर पुलिस ने मानव तस्करी की सूचना पर दो वाहनों में नीलम, रूबी, प्रदीप, राहुल और अमित को गिरफ्तार किया था। इनसे तीन बच्चियां बरामद की गईं। पुलिस की जांच में इस मामले में सरोगेसी कराने की बात सामने आई थी। आगरा पुलिस ने नीलम को रिमांड पर लिया था और पूछताछ की। जानकारी मिलने पर आगरा पुलिस 28 जून को नीलम को साथ लेकर उसके गिरधावर एन्क्लेव, तिलपत पंचायत क्षेत्र भी आई थी। नीलम के घर उस समय मिले नीलम फर्टिलिटी केयर सेंटर संबंधी दस्तावेज पुलिस ने कब्जे में लिए थे। धीरे-धीरे पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया, तो आइवीएफ सेंटर की दखल का भी पता चला।

बड़ा खुलासा हो सकता है
आगरा पुलिस ने जो जानकारी जुटाई है, उसमें जनकपुरी, राजौरी गार्डन, दिल्ली की एक महिला, सेक्टर-56, गुरुग्राम के चिकित्सीय संस्थान और नीलम के एआरटी बैंक के बीच इसी वर्ष जनवरी में सरोगेसी मामले में एमओयू साइन किया गया था। एक अन्य मामले में नवंबर 2019 में कृष्णा नगर, दिल्ली की महिला का गुरुग्राम के चिकित्सीय संस्थान के बीच एमओयू साइन किया गया था। इसी तरह नीलम की दखल से ही गाजियाबाद की महिला का सरोगेट मदर के रूप में एमओयू साइन कराया गया था। आगरा पुलिस अभी तक कोई भी जानकारी देने से बच रही है, लेकिन आगरा पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर में अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है।

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