पिता-पुत्र हुए थे गिरफ्तार
आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद गैंगेस्टर दुबे फरीदाबाद पहुंचा था। यहां उसने अंकुर मिश्रा के घर शरण ली थी। दुबे की मिश्रा से कोई रिश्तेदारी या जान पहचान पहले से ही थी। इसी कारण वह सीधा ग्रेटर फरीदाबाद के हरिनगर स्थित मिश्रा के घर पर शरण लेने पहुंच गया। दुबे के शरण लेने का खुलासा होने के बाद पुलिस दबिश देकर अंकुर मिश्रा व उसके पिता श्रवण मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया था।
सरेंडर की सलाह से नाराज हो गया
अंकुर की पत्नी गुजन मिश्रा व मां शांति मिश्रा का कहना है कि 6 जुलाई को सुबह करीब 9 बजे विकास दुबे, प्रभात मिश्रा और अमर दुबे उनके घर पहुंच गए। सभी मॉस्क लगाए हुए थे, इसलिए किसी को पहचान नहीं पाए। घर में उस समय दोनों महिलाएं ही मौजूद थी। अंदर आने के बाद मॉस्क हटाने के बाद ही उनकी पहचान हो सकी। अंकुर व उसके पिता श्रवण काम काम से बाहर चले गए थे। दोनों महिलाओं ने विकास दुबे से कहा कि कोई पुरुष अभी घर पर नहीं है। इसके बावजूद वह नहीं माना और यहीं रुका रहा। इस बात की सूचना मिश्रा के परिवार को पहले ही मिल गई थी कि दुबे उत्तरप्रदेश में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करके भागा है। महिलाओं ने उनसे प्रार्थना की कि वे सब यहां से चले जाएं। इसके बावजूद वह वहीं रुका रहा।
धमका कर चुप कराया
विकास ने दोनों महिलाओं को धमका कर चुप करा दिया। चले जाने के लिए कहे जाने से नाराज हुए विकास ने अंकुर की पत्नी गुंजन का मोबाइल छीन लिया। रात को जब अंकुर व श्रवण घर पर आए तो उन्होंने भी विकास से चले जाने का अनुरोध किया। विकास दुबे अपने साथ रात को ही अंकुर को अपने साथ ले गया और उसी के नाम से होटल में कमरा बुक कराया। इस दौरान उसके दो साथी प्रभात व अमर दुबे घर पर ही रहे। विकास ने दोनों साथियों को घर पर इसलिए छोड़ा था कि कहीं परिवार के अन्य सदस्य पुलिस को सूचित नहीं कर दें। विकास लगातार परिवार के सदस्यों को धमकाता रहा।
रिहाई की उम्मीद
गैंगेस्टर विकास की तलाश करते हुए पुलिस मिश्रा के घर पहुंच गई और पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस एनकाउंटर में विकास और उसके साथी अमर व प्रभात के मारे जाने के बाद महिलाओं ने उम्मीद जताई है कि अब सब कुछ खत्म हो गया है। उन्हें अंकुर व श्रवण के जेल से जल्द निकलने की आस बंध गई है। उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों से भी गुहार लगाई है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।