तब नाबालिग, अब बालिग
पीडि़ता के माता-पिता ने हाईकोर्ट को बताया कि घटना के समय लड़की 16 साल की थी, अब वह 19 साल की है। उनका परिवार बगैर दवाब के याची के साथ विवाह के लिए तैयार है। युवक के वकील ने हाईकोर्ट को कहा कि अभी विवाह की तिथि तय नहीं हुई है इसलिए वो यह आपातकाल पेरोल मांग रहे हैं, ताकि पेरोल मिलते ही विवाह हो सके। युवक ने केवल दस दिन की पेरोल मांगी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने डीएम की संतुष्टि पर चार सप्ताह की पेरोले देने का आदेश दिया और कहा कि याची व उसकी पत्नी अपने वैवाहिक गतिविधि के लिए इस दौरान स्वतंत्र होंगे। कोर्ट ने जेल प्रशासन को आदेश दिया कि जब भी याची की विवाह की तिथि तय हो जाए उसे पेरोल दी जाए। उसी दिन से चार सप्ताह का समय माना जाएगा।