एसआईटी सदस्य कुंवर विजय प्रताप ने बताया कि उमरांनांगल के खिलाफ सबूत मिले है। एक वीडियो में 14 अक्टूबर 2015 को उमरांनांगल लुधियाना के पुलिस आयुक्त पद पर नियुक्त होने के बावजूद कोटकपुरा के फायरिंग स्थल पर दिखाई दिए है। पूछताछ में उन्होंने दलील दी कि वे पूछताछ के लिए कोटकपुरा गए थे। उमरांनांगल को सोमवार को गिरफ्तार करने के बाद उसी दिन देर शाम फरीदकोट भेज दिया गया था। फरीदकोट के सिविल अस्पताल में उमरांनांगल की मेडिकल जांच भी कराई गई थी। वर्ष 2015 में सिखों पर पुलिस फायरिंग के समय पंजाब में अकाली-भाजपा सरकार थी।
यह कहती है रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट…
रणजीत सिंह कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फायरिंग के समय पुलिस महानिदेशक तत्कालीन मुख्यमंत्री के सम्पर्क में थे। समझा जा रहा है कि एसआईटी इस मामले में तत्कालीन पुलिस महानिदेशक और राजनीतिक नेतृत्व को भी कार्रवाई के दायरे में ला सकती है।