अकाली-भाजपा गठबंधन की सरकार के दौरान फरीदकोट जिले के बरगडी व कोटकपुरा में प्रदर्शन करते सिखों पर पुलिस ने फायरिंग की थी। इस फायरिंग में दो सिख मारे गए थे और कुछ अन्य घायल हुए थे। सिख गुरूग्रंथ साहिब के अपमान की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने पुलिस फायरिंग की जांच के लिए पहले आयोग का गठन किया था और इसके बाद आयोग की रिपोर्ट के आधार पर एसआईटी का गठन कर कार्रवाई शुरू करवाई थी। हाल में चुनाव आयोग के आदेश पर एसआईटी के एक सदस्य आईजी कुंवर विजयप्रताप का तबादला कर दिया गया था।
आईजी कुंवर विजय प्रताप का तबादला रद्य करने की मांग को लेकर शनिवार को यहां सिख संगठनों ने बरगडी इंसाफ मोर्चा के बैनर पर प्रदर्शन किया और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन में अकाली दल-अमृतसर के नेता सिमरनजीत सिंह मान भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि एसआईटी सदस्य आईजी का तबादला पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर करवाया है। इसके पीछे कारण यह है कि जांच में अकाली नेता और पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी भी फंसते नजर आ रहे थे। एसआईटी सदस्य आईजी कुंवर विजय प्रताप का तबादला जानबूझकर जांच को ठप करने के लिए कराया गया है। जांच ठप होने से 27 अप्रेल की समय सीमा के बाद अदालत में आरोपपत्र दायर नहीं किया जा सकेगा। इसके चलते इस मामले में गिरफ्तार किए गए पुलिस अधिकारियों को जमानत मिल जायेगी।
सिमरनजीत सिंह मान ने भोपाल से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को प्रत्याशी बनाए जाने पर कहा कि भाजपा इस तरह हिन्दू आतंकवाद को बढावा दे रही है। उन्होंने कहा कि देश का मीडिया भी देश में सिखों के साथ भेदभाव को सही रूप में नहीं बता रहा है। इसलिए ब्रिटेन आदि देशों से अपने पर्यवेक्षक भेजने की मांग करते है। प्रदर्शन में शामिल हुए सिख काले झंडे लिए थे। उन्होंने जेलों में 25 साल पूरे कर चुके सिखों की रिहाई की भी मांग की। मान ने कहा कि एसआईटी सदस्य आईजी के तबादले के मुद्यों को पंजाब की मौजूदा कांग्रेस सरकार को भी उठाना चाहिए।