अकाली दल के गढ मुक्तसर जिले के लाम्बी विधानसभा क्षेत्र के किलयांनवाली में कांग्रेस की ओर से शक्ति प्रदर्शन रैली का आयोजन रविवार को किया गया था। इस रैली में मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने प्रदेश में गुरूग्रंथ साहिब के अपमान की घटनाओं और इनके विरोध में प्रदर्शन करते सिखों पर पुलिस फायरिंग के मुद्ये पर रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर अकाली दल के नेताओं को कठघरे में खडा किया था।
वहीं अकाली दल की ओर से मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के गृहनगर पटियाला में आयोजित रैली में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल एवं अन्य नेताओं ने कांग्रेस सरकार को चुनावी वायदे पूरा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए घेरा था।
कांग्रेस और बीजेपी से दो कदम आगे निकला सुखपाल खैहरा
लेकिन दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के शक्ति प्रदर्शनों पर आम आदमी पार्टी के सुखपाल खैहरा गुट का कोटकपुरा से बरगरी तक का मार्च धार्मिक मुद्ये पर होने कारण न केवल सिखों बल्कि हिन्दू एवं मुस्लिम को भी खींचने में कामयाब रहा। खैहरा गुट ने वर्ष 2015 की गुरूग्रंथ साहिब के अपमान की घटनाओं और इसके विरोध में प्रदर्शन करते सिखों पर पुलिस फायरिंग के दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर यह मार्च आयोजित किया था। इस मार्च में पंजाब के माझा,मालवा और दोआबा क्षेत्र के लोग बडी संख्या में पहुंचे। महिला और पुरूष अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली,बस और ट्रकों से मार्च में पहुंचे। खैहरा गुट ने इनके पहुंचने के लिए वाहनों का इंतजाम नहीं किया था।
सुखपाल खैहरा सिख पंथिक नेताओं के साथ मंच पर नजर आए। खैहरा गुट ने आम आदमी पार्टी के आधिकारिक गुट को पीछे छोड दिया। किलयानवाली रैली में मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का अभियान शुरू कर दिया और लोगों से अपील की कि वे अकाली दल का सफाया कर कांग्रेस को सभी 13 लोकसभा सीटों पर विजयी बनाएं। पटियाला में अकाली दल द्वारा आयोजित जबर विरोधी रैली में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कांग्रेस सरकार पर प्रहार किए लेकिन पार्टी के असंतुष्ट टकसाली नेता रैली में नहीं पहुंचे।