बताया जाता है कि पांच दिन से बीमार चल रहे 65 वर्षीय मनोहर जाटव कानपुर में भर्ती थे। सुबह उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं 60 वर्षीय मालती पत्नी भारत सिंह खेरा में अपने भाई पदम सिंह के घर वर्षो से रही हैं। वह भी कई दिनों से बीमार चल रही थीं। आज उन्होंने भी दम तोड़ दिया। इससे पहले 21 वर्षीय अमन पुत्र उदयवीर कटियार की मौत भी संक्रमण से हो गई थी। उसके बाद भी विभाग ठीक से नही चेता तो 23 सितम्बर को इसी गांव के पूर्व सैनिक शिवशंकर की भी मौत हो गयी थी, जिससे अब मौतों की संख्या एक सप्ताह के भीतर चार हो गयी है, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल रही है। गांव के ही मेवाराम, विमलेश व सुभाष कटियार भय के कारण अपने घरों में ताला डालकर पलायन कर गए।
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के निकट एक तालाब है, जिसमें एक निजी नर्सिंग होम का बेस्ट कचरा डंप होता है, जिससे यह बीमारी गांव में फैल रही है। जिला प्रशासन से कई बार इस बारे में शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं नहीं हुई। इस तालाब कई कई सालों से सफाई नहीं हुई है। गांव में एक हफ्ते में चार लोागों की मौत की सूचना पर स्थानीय विधायक नागेंद्र सिंह, एसडीएम सदर अजीत सिंह व सीएमओ डॉ. उमा कान्त पाण्डेय समेत कई अधिकारी मौके पर जांच पड़ताल करने पहुंचे। विधायक नागेंद्र सिंह ने बताया कि गांव में जलभराव है, उसमें दवा का छिड़काव भी कराया जा रहा है। निजी नर्सिंग होम का बेस्ट कचरा तालाब में डालने की शिकायत मिली है, इसकी जानकारी की जा रही है। तालाब को साफ कराने के निर्देश बीडीओ को दिए गए हैं। साथ ही साथ मेडिकल टीम लगातार गांव में कैम्प करेगी। जिला प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।