गांव में पार्टी बंदी के चलते सफाई व्यवस्था पूर्ण रूप से चौपट हो गई है जिसके चलते न ही गांव का विकास हो रहा है। न ही सड़कों और नालियों। फतेहगढ़ मुख्यालय से 38 किलोमीटर दूर तहसील क्षेत्र अमृतपुर के गांव कुम्हारौर गांव की जनसंख्या लगभग 10000 है। गांव में 150 अधिक लोग खांसी जुकाम बुखार से पीड़ित है। स्वास्थ्य केंद्र जब से बना है तब से बंद पड़ा है। स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीण अपने जानवरों को बांध रहे है। जिसके कारण ग्रामीणों को छोटी-मोटी बीमारियों के लिए झोला छाप डाक्टर के पास जाना पड़ता है। 15 साल से कोई भी सरकारी डॉक्टर नहीं बैठेे।
वहीं स्वास्थ्य केंद्र चालू करने की ग्रामीणों ने कई बार मांग की, जिसके बाद गांव के स्वास्थ्य केंद्र का पुन जीवोद्धार कराया गया। स्वास्थ्य केंद्र आशा के हवाले कर दिया है। अभी तक कोई भी डाक्टर की तैनाती नहीं की गई।गांव के मुख्य मार्ग पर फैली गंदगी और नालियों का पानी सफाई व्यवस्था का हाल बता रही है। इन दिनों गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पूरे गांव में गंदगी व कीचड़ और चौक नालियों का पानी रोड पर बहने से लोगों को खासी परेशानी उठाना पड़ रही है।
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पूरे गांव की सफाई होना अति आवश्यक
नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान ने जब जिलाधिकारी का गांव में दौरा कराया तो उन्होंने सख्त आदेश देते हुए कहा कि गांव में किसी प्रकार की बीमारी नहीं फैलनी चाहिए उसके लिए पूरे गांव की सफाई होना अति आवश्यक है। साथ गांव में तैनात सफाई कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया है और प्राइवेट कर्मचारी को लगाकर सफाई कराई जाए। साथ ही अस्पताल में रोजाना कोई न कोई स्वास्थ्य कर्मचारी बैठकर गांव वालों का इलाज करेगा।