मंडी परिसर में स्ट्रांग रूम की निगरानी पर तैनात बसपाइयों के पास स्टोन ग्राइंडर मिलने के बाद भाजपाइयों ने वहां विवाद कर दिया था। बाद में पुलिस अधीक्षक ने पहुंच कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत करवाया। इसी प्रकरण को सांसद प्रतिनिधि ने मामले को गंभीर बताते हुए मतगणना में धांधली की आशंका जताई। मामले में बसपा जिलाध्यक्ष विजय भाष्कर और उनके समर्थकों पर भी आरोप लगाए गए। सांसद प्रतिनिधि ने बसपाइयों के हाई सिक्योरिटी जोन में बसपाइयों के स्टोन ग्राइंडर जैसे उपकरण के साथ पहुंच जाने में प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका होने का संदेह जताया।
जिला प्रशासन सपा-बसपा सरकार से भी बदत्तर सांसद प्रतिनिधि ने डीपीआरओ अमित त्यागी की बोलेरो की चाबी लेते वायरल हुई फोटो पर कहा कि यह फोटो अपनेआप में डीपीआरओ और बसपा जिलाध्यक्ष की करीबी का प्रमाण है। फोटो में बसपा जिलाध्यक्ष भी साथ दिख रहे हैं। आयोग को भेजे गए शिकायती पत्र में भी एक बिना नंबर की सफेद रंग की बोलेरो का जिक्र है। उनका दावा है कि यह वही वाहन है, जिसकी चाबी डीपीआरओ ले रहे हैं। वहीं, बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत ने भी जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की जिला प्रशासन सपा-बसपा सरकार से भी बत्तर काम कर रहा है। बीजेपी सरकार के दौरान सत्ता पक्ष के सांसद को सुना नहीं जा रहा। पूरे चुनाव में अधिकारी अपनी मनमानी करते रहे और वोट कटिंंग से लेकर अनेक मामलो में बीएसपी प्रत्याशी की अधिकारी मदद करते नजर आए।
गलत ढंग से दिखाई गई फोटो सांसद का आरोप है कि स्ट्रांग रूम तक स्टोन कटर तक भी बरामद हुआ। लेकिन इस बात पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। यह इस बात का सफ संकेत है कि जिला प्रशासन किसके साथ है। बीजेपी सांसद के आरोपों से सिद्ध होता है की आज जिले में तैनात अधिकारी किस तरह से अपनी मनमानी पर उतारू हैं। संयोगवश जब विजय भाष्कर वाहन खरीदने एजेंसी में गए थे, तभी वह भी अपने सरकारी वाहन की मरम्मत के संबंध में वहां मौजूद थे। इसी बीच एजेंसी कर्मी ने अनुरोध किया कि अगर यह चाबी आप दे देंगे तो यह फोटो हम अपनी एजेंसी में लगा देंगे, लेकिन इस फोटो को गलत ढंग से दिखाया जा रहा है, प्रारंभिक जांच में यही सामने आया है।