इस दौरान चौकी की पुलिस मूक दर्शक बनी रही थी। जिसका मुख्य कारण है कि पुलिस ने इन गोताखोरों को घाटों पर मछली मारने से मना किया था। उसी बजह से तकरीबन एक घंटे के बाद उसको बाहर निकाला गया जंहा से परिजन उसे लोहिया अस्पताल लेकर पंहुचे। जिसके बाद उसे चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।
भागवत कथा का आयोजन हुआ
जनपद अलीगंज के ग्राम डाढा निवासी प्रकाश सिंह के घर सार्वजनिक सहयोग से भागवत कथा का आयोजन हुआ था। जिसमें पूरे गांव के लोगो ने सहयोग किया था। जिसके बाद रविवार को भागवत समाप्ति के बाद परिजन गांव के दर्जनों लोगों के साथ पूजा सामग्री का विसर्जन करने पांचाल घाट पंहुचे। जिसमें प्रकाश सिंह का 22 वर्षीय पुत्र पंकज सिंह भी था। गंगा स्नान के दौरान अचानक वह गहरे अपनी में चला गया और डूब गया। उसके डूबने पर परिजन व अन्य लोग मौके पर एकत्रित हो गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी।जिसके बाद गोताखोर बुलाए गए।
बीएससी तृतीय वर्ष का था छात्र
तकरीबन एक घंटे के बाद उसको गंगा के गहरे पानी से बाहर निकाला गया। परिजन उसके शव को लेकर लोहिया अस्पताल पंहुचे। जंहा डॉ० अभिषेक चतुर्वेदी ने उसे मृत घोषित कर दिया। पंकज बीएससी तृतीय वर्ष का छात्र था। वह अपने घर मे सबसे बड़ा बेटा था। उससे तीन छोटे भाई है। घटना की जानकारी मृतक के मां बाप को दी गई। जैसे ही घटना की जानकारी मिली तो परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।
आखिर गंगा घाट पर क्यों भड़के परिजन
परिजनों ने आरोप लगाया है कि जिस समय वह मटकी पकड़ रहा था। उसी समय किसी नाव चलाने वाले ने नाव ऊपर चढ़ा दी। जिससे वह डूब गया लेकिन दोबारा ऊपर नहीं निकला लेकिन उसकी जान बचाई जा सकती थी। रुपया न होने की बजह से कोई भी गोताखोर पानी में नहीं उतरा। दूसरी तरफ जो पुलिस पहुंची वह भी उन लोगो कुछ नहीं कहे पा रही थी। जिस समय छात्र डूबा था उसी समय निकाल लिया जाता तो जान बचाई जा सकती थी। दूसरी तरफ गंगा घाट पर लिफ्टिंग मशीन से जो गहराई बनी है वह गंगा भक्तों के लिए श्राप बन गई है।