आरती पुत्री आनंद, सोनी, रोशनी पुत्री सत्यभान, अरुण, अंजली, लवी पुत्र नरेंद्र, भानु पुत्र मदनपाल, खुशी, मुस्कान, आदित्य पुत्र पंछी, विनीत पुत्र रामकिशोर, पायल, प्रिंटर पुत्र नीरज, प्रशांत, नैनसी पुत्री मुकेश के अलावा मुकेश का भांजा कृष्णा शामिल हैं।
मामले में फर्रुखाबाद सांसद मुकेश राजपूत का कहना है कि बंधक बनाने वाला लगातार गोलीबारी कर रहा है, लेकिन किसी भी प्रकार की बातचीत वो नहीं कर रहा है। न ही वह अपनी मांगे बता रहा है। बच्चों का संवीदनशील मामला है इसलिए खास अहतियात बरता जा रही है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। जिस घर पर बच्चें कैद हैं उसकी छत पर पुलिस पहुंचने की कोशिश कर रही है।
इससे पहले घटना की जानकारी पर एसपी डॉ. अनिल मिश्रा, एएसपी त्रिभुवन सिंह, सीओ राजवीर सिंह, स्वाट टीम प्रभारी दिनेश गौतम, जहानगंज एसओ पूनम जादौन व भाजपा विधायक नागेंद्र सिंह राठौर मौके पर पहुंच गए। विधायक ने आवाज लगाकर सुभाष से कहा कि तुम बच्चों को छोड़ दो, मैं तुम्हारे प्रकरण में बात कर समस्या का निस्तारण कराऊंगा। इस पर सुभाष ने गांव के लल्लू सिंह, बालू दुबे समेत स्वाट टीम के सिपाही सचेंद्र व अनुज तिवारी को बुलाने के बाद ही बच्चों को छोड़ने की बात कही। पुलिस ने बालू दुबे को बुलाया। बालू दुबे ने सुभाष से गेट के पास जाकर बात की और भरोसा दिया कि उसको न्याय मिलेगा। अचानक सुभाष ने गेट के नीचे से बालू दुबे पर तमंचे से फायर कर दिया। इसमें बालू दुबे के पैर में गोली लग गई और वह घायल हो गए।