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अकेली लडक़ी पर डोली थी नीयत, अब जाएंगे जेल

locationफर्रुखाबादPublished: May 27, 2018 02:35:53 pm

– फर्रुखाबाद में तैनाती के दौरान नौकरी का झांसा देकर बुलाया था घर, वर्तमान में विशेष सचिव और डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं दोनों

विशेष सचिव और डिप्टी डायरेक्टर

अकेली लडक़ी पर डोली थी नीयत, अब विशेष सचिव और डिप्टी डायरेक्टर जाएंगे जेल

फर्रुखाबाद . बीवी से तन्हाई परेशान होकर फरियादी लडक़ी पर डोरे डालने वाले दो अफसर अब जेल जाएंगे। दोनों अफसर बुलावे के बावजूद कोर्ट नहीं पहुंचे, ऐसे में अदालत ने दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। फतेहगढ़ के एसपी से दोनों अफसरों को गिरफ्तार कर कोर्ट में हाजिर करने को कहा गया है। सीजेएम कोर्ट ने बीते सप्ताह ही दोनों अफसरों को मामला रद्द करने की याचिका को रद्द होने के बाद उपस्थिति होने का आदेश दिया था।

नौकरी का झांसा देकर घर बुलाया और करने लगे छेड़छाड़

यह मामला दस साल पुराना है। लडक़ी को छेडऩे के आरोपी अफसर हैं जेपी चौरसिया, जोकि वर्तमान में राज्य सरकार के विशेष सचिव हैं और लखनऊ सचिवालय में तैनात हैं। दूसरे अफसर का नाम है संजय कुमार यादव, जोकि मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधक अकादमी में डिप्टी डायरेक्टर हैं। संजय भी लखनऊ में तैनात हैं। लडक़ी को छेडऩे का किस्सा वर्ष 2007 है। उस वक्त चौरसिया फर्रुखाबाद के एडीएम थे और संजय यादव नगर मजिस्ट्रेट। कमालगंज की एक लडक़ी किसी फरियाद को लेकर आए दिन डीएम के दफ्तर पहुंचती थी। डीएम की गैर मौजूदगी में लडक़ी एक दिन एडीएम से मिलने पहुंची तो चौरसिया ने उसका काम हाथों-हाथ करा दिया। चौरसिया ने लडक़ी से आगे भी किसी किस्म की दिक्कत होने पर मिलने को कहा। बड़े अफसर की दरियादिली से लडक़ी तो मुरीद हो चुकी थी। उधर, चौरसिया के दिल में दूसरा ख्याल था।

फरियाद लेकर आई और चौरसिया ने झांसे में फंसा लिया

आरोपों की फेहरिस्त के मुताबिक, कमालगंज की लडक़ी एक फरियाद लेकर एडीएम के दफ्तर के चक्कर लगाती थी। उसी दौरान तत्कालीन एडीएम जेपी चौरसिया की नीयत डोलने लगी। एक दिन केबिन में बुलाकर समस्या पूछी और तत्काल समाधान करा दिया। अफसर की हनक से लडक़ी अचंभित थी। अब अफसर आए दिन किसी न किसी बहाने से उस लडक़ी को बुलाकर बात करने लगा। एक दिन लडक़ी ने आर्थिक तंगी के बारे में बताया तो अफसर ने नौकरी लगवाने का वादा कर लिया। अगले ही सप्ताह नौकरी का झांसा देकर देर शाम घर बुलाया। अफसर के घर में दूसरे विभाग का एक अन्य अफसर भी मौजूद था। दोनों नशे में टल्ली थे। लडक़ी से इधर-उधर की बात करने के बाद दोनों अफसर उसके साथ हरकत करने लगे। लडक़ी ने विरोध किया, बावजूद अफसर और उसके दोस्त ने उसे दबोच लिया। जैसे-तैसे चीख-चिल्लाकर वह भागी। पुलिस के पास पहुंची तो सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट के जरिए मामला दर्ज हुआ। इसी दरम्यान अफसरों को तरक्की मिल गई और शहर दर शहर बदलते हुए लखनऊ पहुंच गए। लडक़ी की फरियाद कोर्ट-कचेहरी में उलझ गई। अब लडक़ी को छेडऩे वाला एक अफसर विशेष सचिव बन चुका है, जबकि दूसरा डिप्टी डायरेक्टर। कोर्ट में भी न्याय की उम्मीद जागी है। कोर्ट ने मामला खारिज करने की अर्जी को खारिज करते हुए दोनों अफसरों के खिलाफ लडक़ी से छेड़छाड़ और धमकी देने का मामला जारी रखने का हुक्म सुनाया है।

कमालगंज की लडक़ी ने इज्जत के लिए लड़ी लंबी जंग

मुलाकातों के दौर में एक दिन लडक़ी ने मुफलिसी के हालात बयान किए तो चौरसिया ने नौकरी करने का सुझाव दिया। लडक़ी ने कहाकि नौकरी कौन देगा, इस सवाल पर चौरसिया ने घर आकर मिलने का ऑफर दिया। वादा किया कि तमाम लोगों से संपर्क है, जल्द अच्छी नौकरी मिल जाएगी। नौकरी और तनख्वाह की उम्मीद में तयशुदा दिन और समय पर लडक़ी चौरसिया के घर पहुंची तो वह अपने मित्र यानी तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट संजय यादव के साथ शराब गटक रहे थे। आरोप है कि दोनों ने लडक़ी को पास बुलाया और नौकरी के एवज में ‘कुछ’ मांगने लगे। लडक़ी ने इनकार किया तो दोनों ने जबरदस्ती करना शुरू कर दिया। जैसे-तैसे लडक़ी ने खुद को बचाया और पुलिस के पास पहुंची। पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया तो अदालत का दरवाजा खटखटाया। रिपोर्ट तो दर्ज हो गई, लेकिन दोनों अधिकारियों ने छेड़छाड़ के मामले में दाखिल परिवाद को खारिज करने की अर्जी लगाकर मामला लटका दिया।

दस साल बाद खारिज हुई अफसरों की अर्जी, अब चलेगा मुकदमा

बहरहाल, मामला दर्ज होने के बाद कोर्ट ने अपना पक्ष रखने के लिए दोनों अफसरों को तलब किया। हाजिर नहीं होने पर गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गए। इसके बाद दोनों अफसरों ने आरोपों को फर्जी बताते हुए मुकदमा खारिज करने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्रार्थना पत्र लगा दिया। दस साल तक मामला अटका रहा। इसके बाद 18 अगस्त 2017 को तत्कालीन सीजेएम ने दोनों अधिकारियों का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। ऐसे में दोनों अधिकारियों ने आदेश के खिलाफ जिला जज की कोर्ट में अर्जी को दाखिल कर दिया। यहां से केस ट्रांसफर किए जाने पर मामले की सुनवाई एससीएसटी मामलों की विशेष अदालत में हुई। बीते दिवस विशेष अदालत के न्यायाधीश सैय्यद सरवर हुसैन रिजवी ने मौजूदा समय में विशेष सचिव जेपी चौरसिया और डिप्टी डायरेक्टर संजय यादव की अर्जियों को खारिज करते हुए सीजेएम कोर्ट के फैसले को बहाल रखा है। अब दोनों अधिकारियों के खिलाफ लडक़ी से छेड़छाड़ और धमकी का मुकदमा चलेगा।
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