विरोध करने पर मिलती है धमकी
अस्पताल में मरीज डॉक्टर को दूसरा भगवान मानते हैं, लेकिन अस्पताल के कुछ डॉक्टर अपने जिस कक्ष में बैठ कर मरीज देखते हैं उस कक्ष के बाहर रखे कूड़ेदान में वियर व शराब की बोतल खुलेआम डाली जाती है। दूसरी तरफ यदि कोई मरीज इसका विरोध करता है तो उसको इलाज न देने की धमकी देकर शांत कराया जाता है। जिस कारण कोई भी मरीज खुलकर डॉक्टरों का विरोध नहीं करता है। एक तरफ केंद्र व प्रदेश सरकार स्वच्छता की मुहिम चला रही है तो वहीं इस सीएचसी में अस्पताल से निकलने वाले गीला व सूखा कचड़ा खुलेआम अस्पताल कैम्पस में फेंका जा रहा है। जब यह कूड़ा अधिक हो जाता है तो उसमें आग लगा कर नष्ट कर दिया है जबकि अस्पताल के कचडे को जलाना कानूनी अपराध माना जाता है।
अस्पताल में मरीज डॉक्टर को दूसरा भगवान मानते हैं, लेकिन अस्पताल के कुछ डॉक्टर अपने जिस कक्ष में बैठ कर मरीज देखते हैं उस कक्ष के बाहर रखे कूड़ेदान में वियर व शराब की बोतल खुलेआम डाली जाती है। दूसरी तरफ यदि कोई मरीज इसका विरोध करता है तो उसको इलाज न देने की धमकी देकर शांत कराया जाता है। जिस कारण कोई भी मरीज खुलकर डॉक्टरों का विरोध नहीं करता है। एक तरफ केंद्र व प्रदेश सरकार स्वच्छता की मुहिम चला रही है तो वहीं इस सीएचसी में अस्पताल से निकलने वाले गीला व सूखा कचड़ा खुलेआम अस्पताल कैम्पस में फेंका जा रहा है। जब यह कूड़ा अधिक हो जाता है तो उसमें आग लगा कर नष्ट कर दिया है जबकि अस्पताल के कचडे को जलाना कानूनी अपराध माना जाता है।
दलालों पर निर्भर रहता है जिले के अधिकारी लाख क्षेत्रीय अस्पतालों में सुधार करने का प्रयास करें लेकिन सुधार होने वाला नहीं है क्योंकि ज्यादातर यह अस्पताल रिफर सेंटर के तौर पर काम कर रहा है। उसी वजह से इस पूरे क्षेत्र में हजारों गांव हैं उन सभी गांवों में ज्यादातर झोलाछाप डॉक्टरों की चांदी बनाने को मिलती है जबकि सरकारी अस्पताल में सुविधाएं बहुत हैं लेकिन देने की मेहनत करने वाला कोई नहीं दिखाई देता है। डॉक्टरों को वेतन तो मिल जाता है आसानी से जिस कारण काम में मेहनत क्यों करें। यदि मेहनत करेंगे तो अस्पताल में भीड़ अधिक होगी तो पार्टी नहीं आयोजित कर पायेंगे। उसी वजह से डॉक्टरों के कक्ष के बाहर शराब की खाली बोतलें इसका जीता जागता सबूत हैं। पूरा अस्पताल दलालों पर निर्भर रहता है।
जबाब वही देगा
अस्पताल के अंदर किसी भी मरीज की जांच नहीं की जाती है, बाहर खुली लैब पर जांच कराई जाती है जिससे कर्मचारियों को कमीशन मिलता है। अस्पताल से लेकर आवासों के बारे में चिकित्सा अधीक्षक पीएस विमल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मरीजों के पास चादर अभी भेजी जा रही है सफाई भी कराई जायेगी। जिन डॉक्टरों के आवासों पर शराब व वियर की बोतलें मिली हैं, मैं तो उधर जाता नहीं हूं। जिस डॉक्टर के रूम के बाहर यह सब मिल रहा है जबाब वही देगा आखिर वह यह सब क्यों कर रहा है, उसके बाद बोलना ही बन्द कर दिया।
अस्पताल के अंदर किसी भी मरीज की जांच नहीं की जाती है, बाहर खुली लैब पर जांच कराई जाती है जिससे कर्मचारियों को कमीशन मिलता है। अस्पताल से लेकर आवासों के बारे में चिकित्सा अधीक्षक पीएस विमल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मरीजों के पास चादर अभी भेजी जा रही है सफाई भी कराई जायेगी। जिन डॉक्टरों के आवासों पर शराब व वियर की बोतलें मिली हैं, मैं तो उधर जाता नहीं हूं। जिस डॉक्टर के रूम के बाहर यह सब मिल रहा है जबाब वही देगा आखिर वह यह सब क्यों कर रहा है, उसके बाद बोलना ही बन्द कर दिया।