इस जिले में कोई भी गंगा का जन्मोत्सव नहीं मनाया जाता था परंतु यह संस्थान वर्षों से मां गंगा का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मना रहा है। जिसमें सुबह से लेकर देर रात्रि तक हजारों भक्तगण इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हैं। उसी वजह से हर वर्ष गंगा जी के भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। शाम को आचार्य प्रदीप नारायण द्वारा गंगा जी की महा आरती की गई जिसमें अर्चन से शुरुआत होने के साथ शिव तांडब, शिव लहरी, मां गंगा की संगीतमयी आरती की जाती है। यह दिन सच्ची श्रद्धा रखने वालों के लिए खास होता है।
जनमोत्सव मनाने के क्या फायदे
आचार्य प्रदीप नारायण का कहना है कि मां गंगा हिन्दू धर्म जीवित व देखने को मिलने वाली देवी है लेकिन समाज में लोग अपना चेहरा तो रोजाना साफ करते है लेकिन अपने अपने घर जो पूजा पाठ में साम्रगी जमा होती है वह लोग वही कचड़ा उठाकर गंगा की गोद में फेंक जाते हैं। जिस कारण गंगा घाटों पर गंदगी फैली रहती है। उसी वजह से गंगा घाट पर गंगा जन्मोत्सव का कार्यक्रम रखा जाता है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग मां गंगा में गंदगी फैलाने से रोका जा सके। सरकार चाहे करोड़ो रूपये खर्च कर दे जबतक गंगा को मानने वाले अपनी मानसिकता नहीं बदलेंगे तबतक गंगा साफ नहीं रह सकती। लोगों में बदलाव आना शुरू हुआ है जल्द दी हमारी मुहिम रंग लायेगी।