आखिर उसके अंदर क्यों नहीं जाते लोग
इस क्षेत्र लगभग तीन चार जिन्नादों की मस्जिद है। वर्तमान में तो लोग इन मस्जिदों में दिन में जाने लगे है लेकिन शाम होते ही उनके अंदर नहीं जाते हैं। कुछ वर्षों पहले जो मस्जिदों के पास से गुजरना भी पसंद नहीं करते थे। जिसका मुख्य कारण यह था कि यह जो पुरानी मस्जिदें हैं वह जिन्नादों द्वारा बनाई हुई हैं जो इनके अंदर जाएगा वह मर जाएगा। उसी बजह से लोग इनके पास भी जाना नहीं चाहते थे।जबकि यह इमारते सैकड़ों वर्षों पुरानी है।
क्या हकीकत में इन मस्जिदों में भूत रहते है
यदि तांत्रिकों की बात मानी जाए तो सैकड़ों वर्षों पहले गांव बहुत दूर दूर हुआ करते थे। किसी न किसी गांव में चोरी करने वाले चोर भी रहा करते थे। हो सकता है कि चोरी के माल को छिपाने के लिए वही चोर लोग पूरे क्षेत्र में उस पुरानी इमारत में भूत रहते हैं। यह अफवाह फैला देते हो उस समय पढ़े लिखे कम लोग हुआ करते थे। वह भूत प्रेतों पर ज्यादा विस्वास किया करते थे। उसी वजह से वह लोग वहां जाते ही नहीं थे।
जिन्नादों की मस्जिद पर क्या कहते हैं इतिहासकार
रामकिशन राजपूत ने बताया की जिन्नादों की मस्जिदें केवल रात में ही यह इमारतें बनाकर तैयार की जाती हैं। इनको अभी तक हमने लगभग 200 वर्ष पुरानी पुस्तको का अध्यन किया है जिनमें इनका जिक्र पाया गया। ज्यादातर यह इमारतें जंगलों में बनाई गई हैं। जहां पर कोई नहीं आता जाता था लेकिन जब सुबह लोग जंगलो में लकड़ी काटने जाते थे तो इमारत बनी देख हैरान रहे जाते थे। इसी तरह से लोगों ने अफवाह फैला दी कि यह रात में बनकर तैयार हुई है। यह भूतों के अलावा कोई नहीं बना सकता क्योंकि आम आदमी इतनी बड़ी इमारत बनाते तो महीनों लग जाते हैं। यह तो रात में ही बनकर तैयार हुई है।