पति दिल्ली में करता है नौकरी
13 सालों में मृतक महिला ने दो बच्चों को जन्म दिया। महिला अपने दोनों बच्चों के साथ अपने ससुर के साथ गांव में ही रहती है। वहीं उसका पति अपनी दूसरी पत्नी को लेकर दिल्ली में नौकरी करता है। जब वह अपने ससुर के साथ शहर से दवाई लेकर वापस अपने घर पहुंची थी उस समय उसकी बेटी स्कूल गई हुई थी। बेटा घर के बाहर खेल रहा था। उसी समय उसने आग लगा ली बच्चे ने अपनी मां को जलता देख चिल्लाने लगा। तभी आस पास के लोगों ने आग को बुझाया फिर परिजन उसको लेकर अस्पताल जा रहे थे। तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई।
आखिर क्यों उठाया महिला ने यह कदम
बच्चों के साथ वह आराम से अपना जीवन काट सकती थी लेकिन पूरे घर वाले इस बात से परेशान हो रहे फिर अचानक आग लगा क्यों लगा ली। क्या वह अपनी बीमारी से ज्यादा परेशान थी या घर में कोई बात हुई जिससे उसने यह कदम उठाया। नहीं तो कोई अपने आप को आग के हवाले क्योे करता। सूत्रों की मानें तो पति भी उसकी तरफ ध्यान नहीं देता था। ससुर अपनी दम पर उसको व उसके बच्चों का भरण पोषण कर रहा था। पति की लगातार बेरुखी के चलते यह कदम उठाया।
दादा के हाथों में दोनों बच्चों का भविष्य
साल में एक ही बार उससे मिलने आता था लेकिन महिला की मौत के बाद उस महिला के दोनों बच्चों का भविष्य उनके दादा के हाथों में है।लेकिन यह बात भी सही है। यदि बच्चों के दादा की भी मौत हो जाती है तो बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा क्योंकि वह मानसिक रोगी जरूर थी लेकिन अपना पराया सब जानती थी। उसको हो सकता है कि उसके दिमाग में कोई बात उसके जहन में बैठ गई हो। उसी के चलते उसने इतना बड़ा कदम उठाया है।