सदर कोतवाली की दो इमारतें बिल्कुल खस्ता हाल में हैं वह किसी समय गिर सकती हैं, वहीं थाना राजेपुर जो अग्रेजों के जमाने का बना हुआ है, उसकी नींव में नोना लग चुका है, थाने में केवल एक दर्जन लोगों के लिए नया आवास बनाया गया लेकिन बाकी की बैरक में बरसात के समय पानी टपकता है, उन बैरकों में कोई भी रहने को तैयार नही है।
थाना नबाबगंज भी लगभग 100 साल पुराना होगा। जनता की सुरक्षा करने वाले पुलिस वाले उसी भवन में रहने को मजबूर हैं। यदि कोई हादसा हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। थाना कमालगंज भी अग्रेजों के हाथों का बनाया हुआ है, पिछले महीने रिपोर्ट तैयार करते समय दरोगा के ऊपर प्लास्टर गिरा था, जिससे वह बाल-बाल बच गया था।
थाना कम्पिल की इमारत भी बहुत पुरानी है। देखना यह होगा कि प्रदेश की सरकार व पुलिस अधिकारी अपने विभाग के लिए क्या करते हैं। फिलहाल पुलिस कर्मचारी और अधिकारी उन खस्ताहाल भवनों में काम करते रहे तो एक दिन न एक दिन हादसा हुआ तय है।
एसपी अतुल शर्मा ने बताया कि जिले में जिन थानों के भवन जर्जर हैं, उनको इंजीनियर से चेक कराकर उनको गिरवा दिया जयेगा क्योंकि हर पुलिस कर्मचारी हमारे परिवार का आदमी है, उसी वजह से जल्द से जल्द जर्जर भवनों को बनवाया जाएगा।