scriptबिजली विभाग की गुंडई, खऱाब कर डाली लाखों की फसल | Misbehave of Electricity Department destroyed crop | Patrika News

बिजली विभाग की गुंडई, खऱाब कर डाली लाखों की फसल

locationफर्रुखाबादPublished: Jan 13, 2018 09:55:30 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

नाराज किसानों ने मुआवजे की मांग की।

Misbehave of Electricity

Misbehave of Electricity

फर्रुखाबाद (जहानगंज). बीती रात बिजली ठेकेदारों ने खड़ी फसल पर ट्रेक्टर चलाकर लाखों की फसल बर्बाद कर दी, जिससे किसान आक्रोशित हो गए। किसानों के विरोध को देखते हुए ठेकेदार व उसके कर्मी खिसक गए।
थाना क्षेत्र के ग्राम अहमदपुर देवरिया में बिजली की हाई-बोल्टेज लाइन कन्नौज की तरफ जा रही है, जिसके तार और खम्भे लगाए जा रहे हैं। बीती रात ठेकेदार के मजदूरों ने ग्रामीणों की खड़ी फसल पर ट्रेक्टर चला दिए। जिससे हरीसिंह कटियार का 30 हजार का आलू, रामसिंह का गेंहू, आलू व सरसों का लगभग 50 हजार, रणजीत कुमार का आलू, अनिल कुमार व प्रणव कटियार की फसलो को नुकसान हुआ। सुबह जानकारी होने पर ग्रामीण मौके पर एकत्र हुए और नुकसान का मुआवजा देने की मांग की।
विरोध देख ठेकेदार के गुर्गे मौके से खिसक गए। मौके मार भीड़ लग गई। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनकी फसलों का मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक वह लाइन निकलने नहीं देंगे। मामले की सूचना पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस ने ठेकेदारों से मिलकर किसानों की बात व नुकसान दोनों को नजरअंदाज कर दिया है। उसके बाद बिजली विभाग के अधिकारियों को भी फसल बर्बाद करने की शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं। जो ठेकेदार लाइन बिछाने के लिए सरकार से लाखों रूपये इसी बात के लेता हैं कि खेतों में खड़ी फसल को अपने वाहनों से कुचल दें। उसके बाद जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई भी न करे। कैसी है यह योगी सरकार की किसानों को राहत व न्याय दिलाने की बात करती है लेकिन उनकी सरकार में काम कर रहे लोग किसानों की फसलों को नष्ट करने में लगे हुए हंै। किसानों के विरोध को देखते हुए ठेकेदार ने काम रकबा दिया है क्या सरकार जिन किसानों की फसल नष्ट हुई है उसका मुआवजा दिलवा पायेगी।
यदि कन्नौज तक इसी प्रकार से फसल को नष्ट किया गया तो लगभग करोड़ों रुपये का नुकसान किसानों का हो जायेगा। बिजली ठेकेदार इसी वजह से रात में जब किसान खेतों से अपने घर चले जाते हैं, उसके बाद वह बिजली की लाइन बिछाने का काम शुरू करते हैं ताकि किसान मौके पर न हों। परन्तु जब यह मामला प्रकाश में आया तो सभी किसान एकजुट हो गए। देखना यह होगा की बिजली की लाइन बिछाने का काम शुरू हो पाता है या नहीं।
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