बागपत जेल में माफिया सुनील राठी की वीआईपी मुलाकात होती थी। सूत्रों के अनुसार बागपत जेल का जेलर भी उसकी बात अपने फोन से कराता था। इस बात की शिकायत बागपत जेल के डीएम से बंदी रक्षकों ने की थी। शिकायत करने वाले बंदी रक्षक ही दूसरी जेलों में बदली कर दिये गये थे।लेकिन मुन्ना बजरंगी की हत्या करने के बाद सुनील राठी के जेल में चल रहे शाही जीवन का फ़िलहाल अंत हो गया। बीते 14 जुलाई की रात जिस ठाठ से राठी सेन्ट्रल जेल आया था उसे यकीन था की अब उसे बागपत से भी बेहतर सुविधाएं सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ में मिलेगी।
लेकिन शासन के सख्त रुख के बाद उसके अरमानो पर पानी फिर गया। पहले उसके आते ही उसके कपड़े उतार कर उसे कैदियों वाले कपड़े पहनाये गये।उसके बाद उसे हाई सिक्योरिटी नम्बर 2 में रखा गया है। वही पास की बैरक में सुभाष ठाकुर है।जेल सूत्रों के अनुसार जिस बैरक में उसे बंद किया गया है उस बैरक में लेटने के लिये एक दरी और एक चादर मिली है।कमरे की फर्श से कुछ ऊंचाई पर एक शौचालय है। नहाने के लिये एक बाल्टी व एक मग रखा गया है।वही दो जोड़ी कैदियों वाले कपड़े उसे दिये गये है। माफिया को वह कपड़े खुद ही धोने पड़ रहे है।
सुबह 6 बजे उसे नश्ता, लगभग 11:30 बजे उसे दोपहर का खाना व शाम के पचास यानी 5:30 बजे से पूर्व उसे शाम का खाना उपलब्ध कराया जाता है।शाम होते ही उसको लेटने के लिये दरी का सहारा लेना पड़ता है। रात भर वह उसी पर करवट बदलता रहता है।
जेल में सुनील राठी से मिलने को बेचैन पूर्वांचल का एक बाहुबली 14 जुलाई को माफिया सुनील राठी को सेन्ट्रल जेल लाया गया था। जिसके बाद जेल में बंद अन्य बंदियों से मुलाकात की संख्या में भी काफी कमी आ गयी है। मुलाकातियों की संख्या में कमी को लोगों में माफिया के खौफ होना बताया जा रहा है। खबर ये भी है कि पूर्वांचल का एक बहुबली माफिया सुनील राठी से मिलने को बेचैन है। वह अपने गुर्गों के जरिए जेल में बंद राठी से संपर्क साधने की कोशिश की है। फिलहाल जेल कर्मियों ने किसी तरह का रिस्क न लेते हुए इस बाहुबली की कोशिश को नाकाम कर दिया है। बताया जा रहा है कि इसके लिए वहां के अधिकारियों से भी संपर्क साधा गया, लेकिन मामला उच्च स्तर से मॉनिटर होने के कारण कोई भी अधिकारी रिस्क लेने को तैयार नहीं।