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नगर पालिका परिषद के कार्यो में जमकर हो रहे घोटाले, जांच के नाम पर केवल हो रही खाना पूर्ति

locationफर्रुखाबादPublished: Oct 24, 2018 01:09:15 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

जिले में नगर पालिका परिषद के कार्यो में घोटालो की जांच करने कमिश्नर के निर्देश पर अपर आयुक्त एके मिश्रा तीन सदस्यीय टीम के साथ पहुंच गए।

Nagar palika parishad ghotala in farrukhabad

नगर पालिका परिषद के कार्यो में जमकर हो रहे घोटाले, जांच के नाम पर केवल हो रही खाना पूर्ति

फर्रुखाबाद. जिले में नगर पालिका परिषद के कार्यो में घोटालो की जांच करने कमिश्नर के निर्देश पर अपर आयुक्त एके मिश्रा तीन सदस्यीय टीम के साथ पहुंच गए। टीम ने यहां पर कई घंटे तक रिकार्ड हासिल करने के लिए माथापच्ची की। जद्दोजहद की मगर उन्हें रिकार्ड नहीं हासिल हो सके। यहां तक कि ईओ भी कमिश्नर के निर्देश के बाद भी उपलब्ध नहीं मिले। टीम ने कर्मचारियों से बातचीत की। जांच के समय मीडिया कर्मियों को वहां से हटा दिया गया। शिकायतकर्ता सांसद प्रतिनिधि दिलीप भारद्वाज और सभासद अतुल शंकर दुबे से टीम ने वयान लिए।

कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी

सांसद प्रतिनिधि भारद्वाज ने नगर पालिका परिषद के विभिन्न कार्यो में भ्रष्टाचार की शिकायत जिलाधिकारी से की थी। डीएम ने इसके लिए स्पेशल कमेटी गठित की फिर भी कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। इस पर सांसद प्रतिनिधि ने नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना से मिलकर शिकायत दर्ज कराई। नगर विकास मंत्री के निर्देश पर कमिश्नर ने जांच में अपर आयुक्त एके मिश्रा को लगा दिया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि नियम कानूनो को दरकिनार करते हुए पालिका परिषद की ओर से एक ही सड़क को दो बार बनाने के लिए प्रस्ताव बोर्ड में पारित करवा लिया गया। दोनों प्रस्ताव में जेई ने जो स्टीमेट बनाया है वह अलग अलग है। इसमें प्रस्ताव संख्या का भी जिक्र किया गया है। डूडा और पालिका की मिलीभगत की शिकायत की गई।

कमिश्नर ने रिकार्ड तलब किए

इसके साथ ही टेंडर होने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू न होने की भी शिकायत की गई थी। यह भी आरोप लगाया गया था कि बोर्ड बैठक की कार्रवाई बदल दी जाती है। इस पूरे मामले में पूर्व में ही कमिश्नर ने रिकार्ड तलब किए थे मगर रिकार्ड नहीं मिले। कार्यालय में उन्हें शिकायतकर्ता जरूर मिले मगर कोई भी अधिकारी नहीं मिला। जेई मुकेश जायसवाल के अलावा अपर जिलाधिकारी न्यायिक भानुप्रताप भी मौजूद थे। रिकार्ड उपलब्ध कराने की बारी आई तो कर्मचारी इधर उधर बगलें झांकने लगे। प्रकाश लिपिक विजय शुक्ला और एक अन्य कर्मचारी से टीम ने पूछताछ की।

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