चित्रकूट से आए पंच दशनाम जूना अखाड़े के नागा संत राजेंद्र गिरी नवरात्रि पर मां की आराधना में बिना अन्न व जल तथा भूमि पर ना सोने का संकल्प लेकर मौन व्रत धारण कर भक्ति में लीन है। मंदिर पर मौजूद संत के शिष्य जयपुर निवासी राधेश्याम शर्मा बाबा मंगल दास वीर गिरी ने बताया कि 70 वर्ष की आयु के बाद भी संत विगत 20 वर्षों से नवरात्र पर मौन रहकर तथा खड़े-खड़े बिना अन्य जल के व्रत रहते हैं 24 घंटे में महज एक जोड़ा लौंग ग्रहण करते हैं मंदिर पर मां के दर्शन करने वाले भक्तों संत के इस व्रत को मां की कृपा मानते हैं