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परिवार ने अंतिम संस्कार करने से किया इंकार तो पुलिस ने उठाया यह कदम, हर ओर हो रही सराहना

locationफर्रुखाबादPublished: Sep 19, 2019 10:20:31 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

पुलिस अपनी कारगुजारी के चलते आये दिन चर्चा में रहती है। भले ही पुलिस पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने की दिशा में नियम कायदे को ताख में रख जोड़तोड़ के कायदे आजमाती है, लेकिन सोशल मीडिया की सक्रियता के चलते अब प्रतिदिन पुलिस का मानवीय दृष्टिकोण खबरों की सुर्खियां बन रहा है।

परिवार ने अंतिम संस्कार करने से किया इंकार तो पुलिस ने उठाया यह कदम, हर ओर हो रही सराहना

परिवार ने अंतिम संस्कार करने से किया इंकार तो पुलिस ने उठाया यह कदम, हर ओर हो रही सराहना

फर्रुखाबाद. पुलिस अपनी कारगुजारी के चलते आये दिन चर्चा में रहती है। भले ही पुलिस पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने की दिशा में नियम कायदे को ताख में रख जोड़तोड़ के कायदे आजमाती है, लेकिन सोशल मीडिया की सक्रियता के चलते अब प्रतिदिन पुलिस का मानवीय दृष्टिकोण खबरों की सुर्खियां बन रहा है। गुरुवार को थाना मऊदरवाजा के प्रभारी डॉक्टर विनय कुमार राय ने मानवता की मिसाल पेश की है।
मामला थाना क्षेत्र के मोहल्ला टाउनहाल का है जहां के निवासी सोनू बाथम (35) पुत्र स्व रामबाबू बाथम काफी दिनों से बीमार चल रहा था। पड़ोसी सर्वेश ने उसको राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती करा दिया था। इलाज के दौरान बुधवार को उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रसाशन द्वारा उसकी मौत की सूचना थाना पुलिस को दी गई। पुलिस ने पंचनामा भरकर उसका पोस्टमार्टम कराया। उसके साथ ही मृतक सोनू के छोटे भाई बाथम को फोन से अंतिम संस्कार करने के लिए पुलिस ने बुलाया, लेकिन उसने आने से साफ मना कर दिया।
उसके बाद पुलिस ने लोगों से नम्बर लेकर कई मृतक के दूसरे रिश्तेदारों को उसकी सूचना दी, लेकिन कोई भी अंतिम संस्कार करने नहीं आया। यह देख थानाध्यक्ष डॉक्टर विनय प्रकाश राय ने कुछ स्थानीय लोगों को बुलाया और अतिंम संस्कार करने में सहयोग की मांग की। उसके बाद पोस्टमार्टम हाउस से शव को पांचाल घाट गंगा तट पर जाकर एक परिवार के सदस्य की तरह उसकी चिता सजाई। साथ हिन्दू रीति रिबाज से उसका अंतिम संस्कार किया।
वैसे तो पुलिस लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराती है, लेकिन यह पहली बार देखने को मिला कि मृतक के परिवारीजन होने के बावजूद पुलिस ने मृतक का अंतिम संस्कार किया। इंस्पेक्टर का कहना था कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है। साथ ही वह भी एक इंसान था। यदि उसके घर वाले नहीं करना चाहते तो मैंने अंतिम संस्कार कर दिया। समाज में हर मानव को एक दूसरे के प्रति ऐसी भावना रखनी चाहिए।
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