ये था मामला- गौरतलब है कि नगर के मोहल्ला चीनीग्रान स्थित कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय मतदान केंद्र पर अल्पसंख्यक फर्जी मतदान कर रहे थे। इस सूचना पर बसपा प्रत्याशी वत्सला अग्रवाल मतदान केंद्र पहुंची। सूचना मिलने पर डेरी वाले राजेश उर्फ टिंकू मिश्रा भी समर्थकों के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने फर्जी मतदान का विरोध किया। इसी दौरान हुए झगड़े में मोहल्ला करामत खां निवासी सलीम पुत्र शब्बीर की पिटाई कर दी गई। इसी बात से गुस्साए सभासद पद के निर्दलीय प्रत्याशी नौशाद अहमद मंसूरी ने पोलिंग बूथ पर तैनात दरोगा शिवराज सिंह को धक्का मारते हुए तमंचा निकाल लिया।
उन्होंने जैसे ही इस प्रकार की हरकत की, पोलिंग बूथ के सामने भगदड़ मच गई। मोहल्ले वालों के जबरदस्त विरोध से टिंकू मिश्रा वापस लौट गए और प्रांशुदत्त द्विवेदी समर्थकों के साथ वहां पहुंचे। सूचना मिलने पर समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी दमयंती सिंह भी वहां पहुंच गई। नौशाद आदि ने सलीम की पिटाई का विरोध कर हंगामा मचाया।
दमयंती सिंह घायल सलीम को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए साथ ले गयी। इसी दौरान सलीम ने आरोप लगाया कि प्रांशु द्विवेदी ने उनकी पिटाई की है। पुलिस ने मामला शांत कर दिया, लेकिन बाद में पुलिस के जाने के बाद दोबारा से ईंट पत्थर चलने शुरू हो गए। पुलिस ने मामले को देखते हुए उस बूथ पर अधिक फोर्स की तैनाती कर दी तब कहीं जाकर शांतिपूर्ण मतदान हो सका। सूचना मिलने पर एएसपी, एसडीएम, सीओ, एएसडीएम व इंसप्रेक्टर संजीव सिंह राठौर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने नौशाद को पकड़ लिया तो नौशाद चीख कर साथियों को बुलाने लगा और यह भी कहने लगा कि बवाल करने वाले प्रांशु द्विवेदी को पकड़ो।
नौशाद ने पुलिस पर दबाव डालने के लिए कई बार आत्महत्या कर लेने की जोरदार चेतावनी दी। भयभीत पुलिस ने जब नौशाद को छोड़ दिया तो उसने एक दुकान के शटर में लात मार मारकर पुलिस कार्यवाही का विरोध किया। जब पुलिस ने हंगामा मचाने वालों को पकड़ने का प्रयास किया तो उन्होंने पुलिस के ऊपर पथराव किया। जिनको पुलिस ने
शक्ति के साथ खदेड़ दिया।
सपा प्रत्याशी ने कहा सत्ता पक्ष के दबाव में दर्ज हुआ झूठा मुकदमा- पूर्व विधायक विजय सिंह के पुत्रों के खिलाफ भाजपा विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी के चचेरे भाई व भाजयुमो नेता प्रांशुदत्त द्विवेदी ने फायरिंग कर जानलेवा हमला करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मंगलवार को पुत्रों के न मिलने पर पुलिस को निराशा हुई। इससे पहले कल दमयंती सिंह ने मतदान के दौरान भाजपा विधायक के भाई तथा भाजयुमो नेता प्रांशुदत्त द्विवेदी एवं सपा के पूर्व विधायक विजय सिंह के पुत्रों पर हुई फायरिंग के मामले में आरोप लगाया कि सत्ता के दबाव में सपा प्रत्याशी एवं उनके पूर्व विधायक पति के पुत्रों के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है।
अंतिम समय में सत्ता पक्ष के नेताओं ने बेवजह बवाल कर दिया। विवाद बूथ पर कब्जा करने को लेकर हुआ था। पूर्व विधायक की पत्नी सपा प्रत्याशी दमयंती सिंह ने कहा कि उनके पति 15 वर्ष विधायक रहे और सत्ता में भी रहे। उन्होंने कभी किसी का उत्पीडऩ नहीं किया।
सभासद प्रत्याशी हुए गिरफ्तार- वहीं बाद में पुलिस ने मोहल्ला कोटापार्चा निवासी सभासद पद प्रत्याशी अतुल शंकर दुबे को उनके आवास से हिरासत में ले लिया। उनके खिलाफ डीपीवीपी मतदान केंद्र पर पथराव करने व मतपेटी लूटने का प्रयास करने का मुकदमा दर्ज हैं।