scriptरेल मंत्री सुरेश प्रभु का युवा व्यापार मंडल ने फूंका पुतला | Rail Minister Suresh Prabhu effigy burnt in Farrukhabad hindi news | Patrika News

रेल मंत्री सुरेश प्रभु का युवा व्यापार मंडल ने फूंका पुतला

locationफर्रुखाबादPublished: Aug 23, 2017 09:04:31 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

देश में लगातार तीन वर्षों से हो रहे रेल हादसों में अब तक लगभग 350 लोगों की मौत व हजारों लोग घायल हो चुके हैं।

Suresh Prabhu Effigy

Suresh Prabhu Effigy

फर्रुखाबाद. देश में लगातार तीन वर्षों से हो रहे रेल हादसों में अब तक लगभग 350 लोगों की मौत व हजारों लोग घायल हो चुके हैं। इससे आक्रोषित आज जिले के युवा व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने मिलकर रेल मंत्री का चौक पर पुतला दहन किया। उन लोगों का कहना था कि देश में रेल विभाग के अधिकारी अपनी मन मर्जी से काम कर रहे हैं। जिस प्रकार से आये दिन कोई न कोई रेल हादसा हो रहे है उससे यही प्रतीत होता है कि यह अधिकारी लोग खुद और अपने कर्मचारियों से सही ढंग से काम नहीं ले पा रहे हैं।
अभी तक रेल दुर्घटनाओं में जितने भी लोगों की मौते हुई हैं, उनमें चाहे महिलाएं हो या बच्चे सभी के परिजनों को 20-20 लाख की आर्थिक सहायता केंद्र सरकार द्वारा देनी चाहिए। जो लोग रेल हादसे में अपने हाथ या पैर गंवा चुके है, उनको 10-10 लाख रुपये देना चाहिए। देश के केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु को तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को दे देना चाहिए क्योंकि इन हादसों में किसी-किसी के पूरे परिवार ही मौत की आगोश में समा चुके हैं।व्यापारी नेताओं का कहना था कि रेल हादसों में जन हानि होने के साथ-साथ सरकारी धन की भी बहुत अधिक बर्बादी होती है, जिसको रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है, नहीं तो इस प्रकार के हादसों में जाने कितने और परिवार उजड़ जायेंगे।
पुतला फूंकते समय सभी लोग रेल मंत्री मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। पुलिस कोतवाल अनूप निगम ने पुतला जलने के बाद उसको मेन रोड से हटाकर किनारे किया। इस मौके पर शाहयार खान, सुजीत कश्यप, आमिर खान , हसीन, नितिन बर्मा, तारिक, फरमान खान, अराफात, आकाश बर्मा, नीतेश अग्रवाल, नीतू बर्मा, शाहरीज खान, रोहित बर्मा, सोनू गुप्ता, मुकेश अग्रवाल, मनोज मिश्रा, आरविंद शाक्य, राघव मिश्रा, रोहन गुप्ता, समीर गुप्ता, मोहन अग्रवाल, सचिन मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे।
किस कारण हो रहे रेल हादसे-

देश मे बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए रेलों का आवागवन तो बहुत अधिक बढ़ा दिया गया, लेकिन पटरी पर काम करने का तरीका वही पुराना चल रहा है। रेल विभाग के पास ऐसा कोई यंत्र नहीं है जो यह बता सके कि पटरी किस जगह खराब है। दूसरी तरफ रेलगाड़ियों में कोई सूचनात्मक कोई मशीन नहीं लगी हुई है, जो चालक को पहले से अवगत करा सके कि आगे कोई हादसा हो सकता है। देश में रेल की पटरियों को खुराफाती लोग कहीं न कहीं काट देते है, जिससे बड़े-बड़े कई हादसे हो चुके हैं। क्षमता से अधिक रेल गाड़ियों का पटरी से गुजरना वह भी हादसे का कारण बन जाता है। इन हादसों को कैसे रोका जाए यह सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है।
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