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Sawan Shivratri 2019 : सावन के दूसरे सोमवार भक्तों ने इस तरह की भगवान शिव की पूजा, जलाभिषेक कर मांगी मन्नत

locationफर्रुखाबादPublished: Jul 29, 2019 03:02:20 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) अवसर पर सावन के दूसरे सोमवार के फर्रुखाबाद के ऐतिहासिक शिवालयों में सुबह से ही भक्तों का तांता रहा।

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Sawan Shivratri 2019 : सावन के दूसरे सोमवार भक्तों ने इस तरह की भगवान शिव की पूजा, जलाभिषेक कर मांगी मन्नत

फर्रुखाबाद. सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) अवसर पर सावन के दूसरे सोमवार के फर्रुखाबाद के ऐतिहासिक शिवालयों में सुबह से ही भक्तों का तांता रहा। भक्त भोले बाबा को अपनी भक्ति से प्रसन्न करने के लिए भगवान शिव का जलाभिषेक (Shiv Jalabhishek) कर रहे हैं साथ ही उन्हें पुष्प, बेलपत्र और धतूरा अर्पित कर सावन शिवरात्री मना रहे हैं। फर्रुखाबाद में काशी के बाद सर्वाधिक शिव मंदिर हैं इसलिए इसे अपरा काशी भी कहा जाता है।

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साफ-सफाई के दौरान निकला शिवलिंग

जिले के ग्राम पुठरी स्थित प्राचीन शिवालय का वैसे तो कोई प्रमाणिक इतिहास नहीं है लेकिन जनश्रुति के अनुसार लगभग चार सौ वर्ष पूर्व गांव के बाहर एक टीला था। जिसके ऊपर झाड़ झंकाड़ उगे थे। इसी टीले पर प्रतिदिन एक गाय चरने जाती थी एवं बीच में खड़ी होती थी। गाय के थनों से स्वत: दूध की धार टपकने लगती थी। यह देख ग्रामीणों ने टीले की साफ सफाई कर खुदाई कराई तो शिवलिंग निकला। ग्रामीणों ने वहां पूजा अर्चना शुरू कर दी।

जानकारी होने पर फर्रुखाबाद निवासी सदानंद तिवारी ने मंदिर निर्माण कार्य की नींव रखकर निर्माण कराया। धीरे-धीरे मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक पहुंच गई और लोगों ने मंदिर आकर पूजा अर्चना शुरू कर दी। मंदिर की पूजा कार्य में सबसे पहले रामभारती, लाल भारती, वीर भारती, गंगा भारती, राज भारती ने जिम्मेदारी निभाई। वर्तमान में सुरेश भारती एवं देवेंद्र भारती शिव आराधना में लग शिव की सेवा कर रहे हैं। मंदिर परिसर में ही कालेश्वर महादेव एवं दुर्गा मंदिर का भी निर्माण कराया गया है।

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शिवलिंग को फूल व बेल पत्रों से सजाया गया

सावन में पूजा अर्चना के लिए मंदिर परिसर की साफ सफाई एवं रंगाई पुताई की व्यवस्था की गई है। भगवान शिव के चमत्कारिक शिवलिंग को फूल व बेल पत्रों से सजाया जाता है। महंत एवं पुजारी द्वारा सुबह शाम आरती की जाती है। शिव भक्तों के आवागमन व पूजा अर्चना के समय मंदिर के तीनों द्वार खोल दिए जाते हैं। शिव का भोग व प्रसाद वितरण किया जाता है। मंदिर में पूजा अर्चना के लिए भोगांव, मैनपुरी, बेवर, फर्रुखाबाद, अलीगंज व आसपास के ग्रामों के लोगों के साथ अन्य जनपदों से कांवरियों का आना जाना रहता है। जिससे पूरा गांव शिवमय बना रहता है। महंत सुरेश भारती ‘फागुनी मास में शिवभक्तों की भीड़ होने के कारण सुविधा की पूरी व्यवस्था की जाती है। महिलाओं, पुरुषों व बच्चों के लिए तीनों कपाट खोले जाते हैं। आरती के समय भीड़ के लिए उचित प्रबंध किया जाता है।

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