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खेत बेच कर चुकाया कर्ज, माफ हुए 51 पैसे

locationफर्रुखाबादPublished: Sep 15, 2017 10:31:58 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

11 सितंबर को प्रभारी मंत्री चेतन चौहान ने जनपद के 5042 किसानों को ऋण-मोचन अधिकार पत्र वितरित किए थे।

karj mafi

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Farrukhabad. शासन की ओर से भले ही लाखों किसानों का कर्ज माफ करने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन आंकड़ों को देखें तो ये कई किसानों के साथ जैसा ही है। सूची में काफी संख्या में ऐसे किसान भी शामिल हैं जिनका माफ हुआ कर्ज सौ रुपये से भी कम है। बलवीर व उसकी मां का तो मात्र 51 पैसे का कर्ज माफ हुआ है। लगभग दो माह तक सर्वेक्षण, जांच, सत्यापन और पुनर्सत्यापन के बाद कर्ज माफी का पहला चरण पूरा हो चुका है। इसमें 17,529 किसानों के ऋण माफ करने की घोषणा की गई। 11 सितंबर को प्रभारी मंत्री चेतन चौहान ने जनपद के 5042 किसानों को ऋण-मोचन अधिकार पत्र वितरित किए थे।
जिले भर में हजारों किसानों का 31 मार्च 2016 तक का कर्ज माफ किया गया है।जिससे हजारो किसानों को लाभ मिला वही बहुत से किसान है जिन्होंने 2015 में ही बैंक का पूरा कर्जा जमा करने बाद भी कर्जदार बने रहे।यह मामला विकास खण्ड राजेपुर के गांव दौलतपुर चकई का है।यहां के रहने वाले अच्छू खां पुत्र अब्बास खां जिनका सरकार द्वारा 43 रुपया माफ किया गया जब मीडिया इनके घर पहुंची तो मामला ही दूसरा निकला अच्छू खां के बेटे ने बताया कि बैंक के दलाल ने मेरे पिता के ऊपर 13180 रुपया बकाया बताया था फिर 43 रुपया कैसे माफ हुआ दूसरी तरफ मैने घर के जेबर गिरबी रखकर 2015 में ही पूरा कर्जा जमा कर दिया था जो बैंक ने नही चढ़ाया है।इसी क्षेत्र के गांव कुबेर पुर निबासी राजेश ने 2015 में केवाईसी से 86 हजार का कर्जा लिया था उन्होंने जब से बैंक से रुपया लिया उसके बाद एक भी रुपया जमा नही किया फिर बैंक ने 86 रुपया कैसे माफ कर दिया यदि कर्जा माफ ही करना था तो पूरा माफ कर देना चाहिए था 86 रुपये क्यो माफ किया गया है।
ग्राम चंदनी निवासी बलवीर व उसकी मां बिटोली देवी ने आर्यावर्त ग्रामीण बैंक की स्थानीय शाखा से 90 हजार रुपये का कर्ज लिया था। लोन के रुपयों से खेत मे आलू व गेहूं की फसल की। गेहूं तो खाने भर को हुआ, जबकि आलू में मंदी के कारण लागत भी नहीं निकल सकी। बैंक कर्मियों ने ऋण अदायगी का दबाव बनाया तो वृद्धा को अपना डेढ़ बीघा खेत बेचना पड़ा। बिटोली देवी ने खेत बेचकर 19 सितंबर 2016 को 93711 रुपये जमा कर कर्ज चुका दिया। इसके बाद लेखपाल ने कर्जमाफी की उम्मीदें जगाकर खतौनी, आधार कार्ड व अन्य कागजी औपचारिकताएं पूर्ण कराईं। इसमें उसके लगभग 400 रुपये भी खर्च हो गए। हालांकि मात्र 51 पैसे की कर्जमाफी की सूचना पाकर बलवीर व बिटोली देवी ठगा सा महसूस कर रहे हैं। बलवीर तो मेहनत मजदूरी के लिए दिल्ली चला गया है। व्यथा सुनाते समय बिटोली की आंखें भर आईं।
यह है कर्ज माफी सूची
आर्यावर्त ग्रामीण बैंक की नवाबगंज शाखा के खातेदार बलवीर सिंह व उनकी मां का 0.51 रुपये का व रामपाल 80.87 रुपये का ऋण माफ किया गया।
आर्यावर्त ग्रामीण बैंक की मेरापुर शाखा के जगमोहन का 6 रुपये का, मुरहास शाखा की मान देवी पत्नी रामदत्त का 9.89,
आर्यावर्त ग्रामीण बैंक की राईपुर चिनहटपुर शाखा के शिवराज शाक्य 36,
आर्यावर्त ग्रामीण बैंक की रजीपुर शाखा की मुन्नी देवी का 38,
आर्यावर्त ग्रामीण बैंक की लिंजीगंज रामबहादुर सिंह का 31.80,
आर्यावर्त ग्रामीण बैंक की भरखा के राजेंद्र का 40.54 व विजेंद्र सिंह का 20 रुपये का कर्ज माफ हुआ
बैंक ऑफ इंडिया की गनीपुर जोगपुर शाखा के कमर अली उर्फ कल्लन का 32 व राजेश सिंह का 21 रुपये का,
बैंक ऑफ इंडिया की कंपिल शाखा के राधेश्याम सिंह का 10 व उनके भाई ज्ञानेंद्र सिंह का 9 रुपये,
बैंक ऑफ इंडिया की मोहम्मदाबाद शाखा के निहाल सिंह का 4 रुपये व फेरू सिंह का 33 रुपये का कर्ज माफ हुआ है।
 आर्यावर्त ग्रामीण बैंक प्रबंधक राजेश बताते हैं कि शासन के निर्देश पर 31 मार्च 2016 तक किसानों का जितना कर्ज था, उसमें से अधिकतम एक लाख तक का कर्ज माफ करने के निर्देश थे। कई किसानों ने अपने लोन जमा तो कर दिए थे, लेकिन ब्याज के कुछ पैसे या रुपये बाकी रह गए थे। कंप्यूटर ने ऐसे सभी खाते सूची में शामिल कर दिए। इसके पीछे किसी उद्देश्य को तलाशना गलत होगा।’

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