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प्रदेश के कई जिलों में बिक रहा नकली होजरी का माल, माचो कम्पनी के लोग कर रहे जांच

locationफर्रुखाबादPublished: May 21, 2018 04:14:54 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

शहर कोतवाली क्षेत्र की चौकी पांचाल घाट इलाके में कपड़ो को बेचने के लिए दर्जनों दुकाने खुली हुई हैं।

things of fake hosiery sold in many districts of state

प्रदेश के कई जिलों में बिक रहा नकली होजरी का माल, माचो कम्पनी के लोग कर रहे जांच

फर्रुखाबाद. शहर कोतवाली क्षेत्र की चौकी पांचाल घाट इलाके में कपड़ो को बेचने के लिए दर्जनों दुकाने खुली हुई हैं। उन दुकानों पर अमूल माचो कम्पनी के लोगों ने तीन दिनों से जांच करनी शुरू कर दी कि कही यहां पर कम्पनी के नाम से नकली होजरी का माल तो नहीं बेचा जा रहा है। उनके सामने कई ग्रहाकों ने नकली माल कम दामों पर खरीदा तो कम्पनी के मार्केटिंग हेड ने एसपी मृगेंद्र सिंह से मिलकर पूरी घटना से अवगत कराया।

पूरे प्रदेश में नकली माल सप्लाई

उसके बाद टीम के साथ शहर कोतवाली पुलिस के साथ उन दुकानों पर छापा मारा तो दो दुकानदारों के पास 136 डिब्बे उन्हें दुकान से मिले जो पूरी तरीके से नकली थे। उनको कोतवाली लेकर पहुंचे दुकानदारों के खिलाफ उनकी तरफ से तहरीर दी गई है। जब दुकानदारों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि यह माल कानपुर से खरीदकर लाए थे क्योंकि यह सस्ता मिल जाता है। इसके साथ ही साथ कहा कि कानपुर में जिस कम्पनी का माल चाहिए वह मिल जाता है। कपड़ा व होलोग्राम हमेशा तैयार मिलते हैं। लोगों ने वहां कारखाने लगा रखे है। जहां से पूरे प्रदेश में नकली माल सप्लाई किया जाता है। लेकिन पकड़े छोटे छोटे दुकानदार।

पुलिस नकली माल बनाने वाली फैक्ट्री तक पहुंचती है या नहीं

इस जानकारी को लेकर जब मार्केटिंग हेड से बात की गई तो उन्होंने कानपुर नकली होजरी माफिया के बारे में बताने से मना कर दिया है। नकली होजरी का माल बनाने बाले हर प्रकार से चोरी करते है जो कम्पनी वाले होते जब यह चेकिंग पर निकलते है। जब इनकी सप्लाई बाजार में कम हो जाती है। उससे पहले उनको खुली छूट दिए रहते है। देखना यह होगा कि पुलिस मामले में उस नकली माल बनाने वाली फैक्ट्री तक पहुंचती है या नहीं।

हर जिले में छोटे छोटे दुकानदार है

छोटे दुकानदारों के पास कैसे पहुंचता नकली होजरी का माल-हर जिले में छोटे छोटे दुकानदार है। वह अधिक मुनाफा कमाने के लिए कानपुर से अपने अपने झोला में 50 डिब्बे खरीद कर लाते हैं वही बेचते हैं क्योंकि जो कम्पनी का माल 70 रुपए प्रति पीस में मिलता है। वहीं नकली माल 40 रुपए में मिल जाता है लेकिन बिकता कम्पनी के रेट पर। उसी बजह से थोड़ा थोड़ा माल खरीदकर लाते हैं। इसी बजह से पकड़ा जाता नहीं। वहीं जो लोग माल बनाते है वह एक साथ हजारों की संख्या में माल नहीं देते हैं या नकली होजरी वाले अपनी प्राइवेट गाड़ी से इन दुकानदारों के पास माल पहुंचाते हैं। उसी बजह से छोटे दुकानदार पकड़े जाते हैं।

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