वार्ड कम, वोटरों की संख्या ज्यादा वहीं कायमगंज नगर पालिका में लगभग 2 लाख 85 हजार वोट, 36 बूथ और 25 वार्ड हंै। इस नगर पालिका की खास बात यह है कि कम वार्ड होते हुए भी वोटरों की संख्या अधिक है। दूसरी तरफ यहां पर चीनी मिल के साथ तम्बाकू का बहुत बड़ा व्यापार पूरे देश मे किया जाता है। सदर नगर पालिका की खास बात यह है कि टाउनहाल अग्रेजों के समय से बना हुआ है, जिसकी वर्तमान में हालत बहुत ही खराब है। दूसरी तरफ जो चेयरमैन की कुर्सी है, जिसके लिए जंग होने जा रही है, वह भी एक मिशाल है। उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की रणभेदी बजने वाली है। नेता एक दूसरे की टांग खींचकर हर हाल में कुर्सी की यह जंग जीतना चाहते हैं। हर प्रत्याशी चाहता है कि कैसे कुर्सी अपने नाम कर लं, लेकिन फर्रुखाबाद में नगर पालिका अध्यक्ष की जंग जितनी दिलचस्प है, उतना ही दिलचस्प यहां अध्यक्ष की कुर्सी का किस्सा भी है।
अंग्रेजों के जमाने मेें बनी थी नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी अंग्रेजों के जमाने में बनी पालिका अध्यक्ष की कुर्सी दशकों पुरानी है। इन दिनों पालिका की यह कुर्सी नगर पालिका के स्टोर में धूल खा रही है। इस कुर्सी का भी अपना इतिहास है। अखरोट की लकड़ी से बनी इस कुर्सी पर कभी जवाहर लाल नेहरू और सर्वपल्ली राधाकृष्णन भी बैठ चुके हैं। बताते है की अंग्रेजों के शासन में टाउनहाल में अधिकारियो के लिए यह कुर्सी बनवाई गई थी।
इस कुर्सी पर नेहरू और सर्वपल्ली राधाकृष्णन बैठ चुके हैं 1949 में फर्रुखाबाद में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। इस अधिवेशन में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अखरोट की लकड़ी से बनी इस कुर्सी पर बैठकर अध्यक्षता की थी। बाद में सेना के एक कार्यक्रम में फतेहगढ़ आए पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के लिए इसी कुर्सी को फतेहगढ़ ले जाया गया था।1996 में शहर में पानी की समस्या को लेकर हुए एक आन्दोलन में आन्दोलनकारियों ने स्टोर में घुसकर इस कुर्सी को चकनाचूर कर दिया था। जब अधिकारियों को इस कुर्सी के ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी हुई तो इसकी मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए। इस कुर्सी की मरम्मत सोफा कारीगर फुन्दन ने कानपुर में कराई। इस कुर्सी पर ही बैठकर पालिका अध्यक्ष बैठकों की अध्यक्षता करते हैं। अभी तक जितने भी पालिका अध्यक्ष बनें, सब इसी पर बैठते हैं। तब से लेकर आज तक इस कुर्सी को बदला नही गया है। अब इस कुर्सी को नए पालिका अध्यक्ष का बेसब्री से इंतजार है।