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इतना मारा कि पेट से बाहर निकल गया भ्रूण , हाथ में लिए मांग रही इंसाफ

locationफर्रुखाबादPublished: Jun 03, 2018 03:55:03 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

गिरे गर्भ को हाथ में लिए पुलिस के चक्कर काटती रही महिला

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गिरे गर्भ को हाथ में लिए पुलिस के चक्कर काटती रही महिला

फर्रुखाबाद. योगी सरकार के महिला सुरक्षा के तमाम दावों की पोल तब खुल गई जब पीड़ित महिला कई दिनों तक अपने गिरे हुए गर्भ को हाथ में लेकर रिपोर्ट दर्ज कराने कोतवाली पहुंची अौर पीड़ित की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। पीड़ित महिला संजू देवी कोतवाली फर्रुखाबाद के ग्राम भाऊपुर खुर्द निवासी राज सिंह की पत्नी है। संजू एडीएम का आदेश लेकर पति के साथ शनिवार दो बजे कोतवाली फर्रुखाबाद पहुंची। तब पुलिस ने संजू की ओर से गांव के वीर सिंह की पत्नी रेखा धर्मवीर की पत्नी प्रीती अजय सिंह की पत्नी सोमलता एवं धर्मवीर के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की।
रिपोर्ट के मुताबिक नाली विवाद को लेकर आरोपियों ने राज सिंह की पिटाई की। संजो देवी पति को पिटने से बचा रही थी तभी आरोपियों ने उसकी भी जम कर पिटाई की। गंभीर चोट लगने से संजू का तीन माह का गर्भ गिर गया । इस दौरान संजू के कपड़े भी फाड़े गये। संजू ने एडीएम को अवगत कराया । कोतवाली फर्रुखाबाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की और न ही मेडिकल कराया।

संजू ने गिरे गर्भ के अवशेष का पोस्टमार्टम कराये जाने की मांग की। राज सिंह जादौन ने बताया कि मैं गांव में ही चाट की ठेली लगाकर गुजारा करता हूं। 31 मई की रात रिपोर्ट लिखाने कोतवाली आया था और दीवान जी को तहरीर दी थी आईटीआई चौकी में भी शिकायत की थी। पुलिस ने कार्रवाई करने को कहा था बीते दिन पत्नी की तबीयत काफी खराब होने पर 2 बजे सेंट्रल जेल के निकट डॉ. कुलदीप के यहां ले गया डॉक्टर ने दवा देने के बाद कहा की पत्नी को ब्लीडिंग हो रही है। कल सुबह आना पत्नी की सफाई कर देंगे चोटों से बच्चा खराब हो गया है।
राज सिंह ने बताया कि बीती रात चार बजे घर पर ही पत्नी का गर्भ गिर गया। महिला लोहिया अस्पताल में पत्नी को दिखाने गया वहां महिला डॉक्टर नहीं थी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए एडीएम से फरियाद की। एडीएम गुलाब चंद्र ने कोतवाली पुलिस के लिए आवश्यक कारवाई करने का आदेश कर शिकायत पत्र पीड़ित को दे दिया। पुलिस ने डॉक्टरी परीक्षण कराने के लिए पीड़िता को लोहिया अस्पताल भेजा है। यदि पुलिस तुरंत ही महिला का उपचार कराती तो उसके बच्चे की जान बच सकती थी। लेकिन पुलिस को इस केस में कोई आमदनी नहीं दिखाई दी उसी वजह से महिला की फरियाद नहीं सुनी गई।

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