इस गली में किसी के घर मे नगर पालिका के पानी की पाइप लाइन नही बिछाई गई, जिससे लोगों को साफ पानी पीने को मिल सके, जो नल लगे हैं, वह खारा पानी देते हैं। गलियों में आवारा पशु घूमते रहते हैं, जिससे लोगों को हादसे का डर सताता है। गलियों में गंदकी का भरमार रहता है। इससे वोटर वर्तमान सभासद से नाराज है। यही कारण है कि उन्होंने इस बार निकाय चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। वोटरों के इस ऐलान से सभी राजनीतिक दलों के नेता असमंजस में हैं कि अब क्या किया जाए? वे वोटरों को मनाने में जुटे हैं, लेकिन वोटर इस बार किसी की बात सुनने को तैयार नजर नहीं आ रहे हैं।
पहले कराओ विकास, फिर वोट डलवाओ हाथी खाना वार्ड के लोगों का कहना है कि नगर पालिका से कोई भी सफाई कर्मचारी झाड़ू लगाने व कूड़ा उठाने नही आता। नालियों की सफाई न होने के कारण मच्छरों का आतंक है। इससे कई प्रकार की बीमारियां फैलने की आशंका रहती है। लोगों का कहना है कि गली के विकास के लिए चेयरमैन से बात की गई तो उन्होंने भी काम कराने का आश्वासन देकर हम सभी को टरका दिया। गली के रहने वाले लोग पीने का पानी काफी दूर लगे नलों से भरकर अपने घर ला रहे हंै। यहां के लोगों ने मांग की है, जब तक गली में पानी की पाइप लाइन व सड़क बिजली सफाई की व्यवस्था सही नहीं की जाएगी, कोई भी आदमी वोट नही डालेगा। लोगों ने कहा कि पहले विकास कराओ फिर वोट डलबाओ। निकाय चुनाव चल रहे हैं, सभी विकास कार्य बंद कर दिए गए फिर जनता की मांग जिले के अधिकारी कैसे पूरी कर सकते हैं।
आखिर के निर्माण का पैसा कहा गया? वार्ड 14 की गली के रहने वालों का आरोप है कि गली निर्माण के लिए जो पैसा आवंटित हुआ था, उसको सभासद ने अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर गोलमाल कर दिया। क्या पालिका में कोई नियम है कि विकास के पैसे से अपनी जेब भरी जा सकती है। अभी तो एक गली का मामला सभी लोगों के सामने प्रकाश में आया है, पूरे शहर में न जाने कितनी इस प्रकार की गलियां होंगी, जिनका पैसा चाय नास्ते व खुद के विकास पर खर्च कर दिया गया होगा। विकास के नाम पर सरकारी पैसों की लूट मची हुई है। अधिकारी उन लोगों के ऊपर कार्रवाई करने से कतराते रहते हैं।