ये भी पढ़ें- स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही, 20 लोगों को लगा दी गई कोविशील्ड व कोवैक्सीन दोनों की डोज वहां मौजूद नाबालिग किशोरी से पुलिस ने पूछताछ की। किशोरी के साथ आई उसकी मां गुड्डी देवी (निवासी थाना नवाबगंज के गांव सांसईया) ने सारा वाक्या एसडीएम व पुलिस को बताया। उसने कहा कि गर्भपात के नाम पर 15 हजार रुपए पहले ही जमा करा लिए गए थे। जिस क्वाटर से छापा मारा गया, वह क्वाटर अस्पताल में कार्यरत महिला सुपरवाइजर मंजुल तिवारी का है। एसडीएम ने इस महिला कर्मचारी से भी काफी समय तक पूछताछ की। पूछताछ के बाद एसडीएम ने महिला कर्मचारी को महिला पुलिस बल के साथ कोतवाली भेज दिया।
ये भी पढ़ें- बांदा में हुआ दर्दनाक हादसा, ट्रैक्टर-ट्रॉली भिड़ंत में 4 महिलाओं की मौत, 25 घायल नाबालिग किशोरी को मेडिकल परीक्षण कराने के बाद फतेहगढ़ अस्पताल में भर्ती कराने के लिए भेजा गया है। छापे में पकड़ी गई महिला सुपरवाइजर, अपने आवास पर अवैध गर्भपात का कारोबार चलाती हैं। साथ ही नगर के मोहल्ला नई बस्ती स्थित एक फर्जी अस्पताल भी चलाती है। यहां पर भी अवैध गर्भपात कराने का काम पिछले कई वर्षों से चल रहा है। जानकार सूत्रों की मानें, तो अस्पताल में कार्यरत कई महिला कर्मचारी अपने-अपने आवासों पर इस अवैध गर्भपात के कारोबार को अंजाम दे रही हैं। इस प्रकरण की किसी सक्षम अधिकारी से जांच कराई जाए तो वास्तविकता का खुलासा हो सकता है।
इसी प्रकार से पूरे जिले में दर्जनों स्थानों पर इस प्रकार अवैध काम चल रहा है। इसमें जिले के स्वास्थ्य विभाग के बहुत से कर्मचारी मोटी रकम कमा रहे हैं। लोग शिकायत भी करते हैं, लेकिन जांच अधिकारी पैसे लेकर मामला रफा दफा कर देते हैं। इससे इस प्रकार का अवैध कारोबार खूब फल फूल रहा है।