कान का बचाव जरूरी
ईएनटी विशेषज्ञों के अनुसार कान में रंग के जाने से या कान पर जोर से गुब्बारा यदि पड़ जाए तो दिक्कत हो सकती है। इन दोनों स्थितियों के बाद यदि कम सुनाई दे या फिर चक्कर आए तो तुरंत विशेषज्ञ को दिखाएं। ऐसे में कान में तेल न डालें। अक्सर होली खेलने के दौरान कान में पानी भी चला जाता है जो कि सामान्य रूप से होने वाले मूवमेंट से निकल भी जाता है। लेकिन यदि लंबे समय तक न निकले तो डॉक्टरी सलाह लें। जिन्हें कान बहने की समस्या है वे पूरी सावधानी बरतें।
ईएनटी विशेषज्ञों के अनुसार कान में रंग के जाने से या कान पर जोर से गुब्बारा यदि पड़ जाए तो दिक्कत हो सकती है। इन दोनों स्थितियों के बाद यदि कम सुनाई दे या फिर चक्कर आए तो तुरंत विशेषज्ञ को दिखाएं। ऐसे में कान में तेल न डालें। अक्सर होली खेलने के दौरान कान में पानी भी चला जाता है जो कि सामान्य रूप से होने वाले मूवमेंट से निकल भी जाता है। लेकिन यदि लंबे समय तक न निकले तो डॉक्टरी सलाह लें। जिन्हें कान बहने की समस्या है वे पूरी सावधानी बरतें।
आंखों की देखभाल
रंगों का आंखों में जाना नुकसानदायक हो सकता है। यदि रंग केमिकलयुक्त हैं तो इनके आंखों में जाने के बाद आंखों को मसलें नहीं वर्ना कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो सकता है। घरेलू उपचार के रूप में तुरंत आंखों पर पानी के छींटें दें। राहत के लिए गुलाबजल की १-२ बूंदें आंखों में डालें। फिर भी यदि आंखों से पानी आए, जलन, दर्द या लालिमा दिखे तो तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
रंगों का आंखों में जाना नुकसानदायक हो सकता है। यदि रंग केमिकलयुक्त हैं तो इनके आंखों में जाने के बाद आंखों को मसलें नहीं वर्ना कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो सकता है। घरेलू उपचार के रूप में तुरंत आंखों पर पानी के छींटें दें। राहत के लिए गुलाबजल की १-२ बूंदें आंखों में डालें। फिर भी यदि आंखों से पानी आए, जलन, दर्द या लालिमा दिखे तो तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
त्वचा की देखरेख
मार्केट में मिलने वाले रंगों में अक्सर केमिकल व कांच के महीन टुकड़े मिले होते हैं। होली खेलने के दौरान त्वचा पर इन्हें रगडऩे से त्वचा छिल जाती है जिसमें दर्द व जलन होती है। कई बार हल्के घाव भी होते हैं। ऐसे में त्वचा को पानी से धोने के बाद प्रभावित हिस्से पर मॉइश्चराइजर, क्रीम, लोशन या नारियल तेल लगा लें। इनसे जलन दूर होने से काफी आराम मिलेगा। २-३ दिन बाद भी यदि राहत न हो तो डॉक्टरी सलाह लें।
मार्केट में मिलने वाले रंगों में अक्सर केमिकल व कांच के महीन टुकड़े मिले होते हैं। होली खेलने के दौरान त्वचा पर इन्हें रगडऩे से त्वचा छिल जाती है जिसमें दर्द व जलन होती है। कई बार हल्के घाव भी होते हैं। ऐसे में त्वचा को पानी से धोने के बाद प्रभावित हिस्से पर मॉइश्चराइजर, क्रीम, लोशन या नारियल तेल लगा लें। इनसे जलन दूर होने से काफी आराम मिलेगा। २-३ दिन बाद भी यदि राहत न हो तो डॉक्टरी सलाह लें।
ध्यान रखें
जिन लोगों की त्वचा सेंसिटिव हो या जिन्हें एक्जिमा की समस्या हो उन्हें रंगों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। होली खेलने से पहले त्वचा व बालों पर नारियल या जैतून का तेल यदि लगा लिया जाए तो यह त्वचा और रंगों के बीच सुरक्षा कवच का काम करेगा।
जिन लोगों की त्वचा सेंसिटिव हो या जिन्हें एक्जिमा की समस्या हो उन्हें रंगों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। होली खेलने से पहले त्वचा व बालों पर नारियल या जैतून का तेल यदि लगा लिया जाए तो यह त्वचा और रंगों के बीच सुरक्षा कवच का काम करेगा।
बाल रहें चमकदार
रंगों में मौजूद केमिकल बालों के लिए भी उतने ही हानिकारक हैं जितने त्वचा और आंखों के लिए। इनके प्रयोग से बाल रूखे व बेजान हो जाते हैं। इसलिए इस समस्या से बचाव के लिए आप होली खेलने से पहले बालों पर तेल की मसाज कर लें ताकि बाद में इनपर रंग न जम सके। इसके अलावा महिलाएं बालों को चोटी या जूड़े का रूप दे सकती हैं। आप बालों की सुरक्षा के लिए सिर पर कोई कपड़ा, स्कार्फ या दुपट्टा भी बांध सकते हैं।
रंगों में मौजूद केमिकल बालों के लिए भी उतने ही हानिकारक हैं जितने त्वचा और आंखों के लिए। इनके प्रयोग से बाल रूखे व बेजान हो जाते हैं। इसलिए इस समस्या से बचाव के लिए आप होली खेलने से पहले बालों पर तेल की मसाज कर लें ताकि बाद में इनपर रंग न जम सके। इसके अलावा महिलाएं बालों को चोटी या जूड़े का रूप दे सकती हैं। आप बालों की सुरक्षा के लिए सिर पर कोई कपड़ा, स्कार्फ या दुपट्टा भी बांध सकते हैं।
मुंह व नाक की केयर
मुंह में यदि रंग चला जाता है तो गले के साथ शरीर के अन्य अंगों पर भी बुरा असर पड़ता है। यदि मुंह में रंग चला भी जाए तो पानी पीकर उल्टी करने की कोशिश करें। यदि रंग ज्यादा मात्रा में मुंह के जरिए शरीर में चला गया है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा नाक में यदि रंग चला जाए तो सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इसलिए विशेषज्ञ की सलाह लें। इस दौरान ध्यान रखें कि पानी न पीएं वर्ना दम घुट सकता है।
मुंह में यदि रंग चला जाता है तो गले के साथ शरीर के अन्य अंगों पर भी बुरा असर पड़ता है। यदि मुंह में रंग चला भी जाए तो पानी पीकर उल्टी करने की कोशिश करें। यदि रंग ज्यादा मात्रा में मुंह के जरिए शरीर में चला गया है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा नाक में यदि रंग चला जाए तो सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इसलिए विशेषज्ञ की सलाह लें। इस दौरान ध्यान रखें कि पानी न पीएं वर्ना दम घुट सकता है।
मुलायम होठों के लिए
रंग चाहे सूखा हो या गीला, दोनों ही होठों की त्वचा पर नकारात्मक असर करते हैं। इनसे होठ फट जाते हैं जिससे जलन और दर्द भी होता है। कोशिश करें कि होली खेलने से पहले होठों पर वैसलीन, मक्खन या दूध की मलाई लगा लें। ताकि इनपर रंग न चिपके।
रंग चाहे सूखा हो या गीला, दोनों ही होठों की त्वचा पर नकारात्मक असर करते हैं। इनसे होठ फट जाते हैं जिससे जलन और दर्द भी होता है। कोशिश करें कि होली खेलने से पहले होठों पर वैसलीन, मक्खन या दूध की मलाई लगा लें। ताकि इनपर रंग न चिपके।