1996 में भाजपा के महेंद्र प्रताप सिंह को पराजित कर बसपा के विशंभर प्रसाद निषाद ने सांसद सीट पर कब्जा किया था। 1998 के लोकसभा चुनाव में डॉ. अशोक पटेल ने बसपा से जीत हासिल की थी । एक साल बाद हुए मध्यावधि चुनाव में बसपा के सूर्यबली निषाद को पराजित कर डॉ. अशोक पटेल ने दुबारा जीत हासिल की।
2004 लोकसभा चुनाव में एक फिर यह सीट बसपा की झोली में चली गई, इस बार डॉ. अशोक पटेल को पराजित कर बसपा के महेंद्र निषाद ने चुनाव जीता। 2009 में सपा के राकेश सचान ने यहां से जीत हासिल की । लोकसभा चुनाव 2014 में एक बार फिर यह सीट निषाद विरादरी के पास चली गई। भाजपा की साध्वी निरंजन ज्योति ने बसपा के अफजल सिद्दीकी को पराजित कर जीत हासिल की। इस चुनाव में पूर्व सांसद राकेश सचान तीसरे पायदान पर रहे। साध्वी निरंजन ज्योति को 485994 वोट, जबकि बसपा के अफजल सिद्दीकी को 298788 और सपा के राकेश सचान को 179724 वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी उषा मौर्य ने 46588 वोट हासिल किया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर इस सीट पर रोचक मुकाबला होने वाला है । भाजपा ने जहां एक बार फिर साध्वी निरंजन ज्योति पर भरोसा जताया है, तो वहीं से बसपा से सुखदेव प्रसाद वर्मा और कांग्रेस से राकेश सचान चुनावी मैदान में हैं । कुर्मी, निषाद और लोध समुदाय के मतदाता इस सीट पर निर्णायक भूमिका में हैं और तीनों ही प्रत्याशी इसी समुदाय से आते हैं । निषाद वोटों पर जहां साध्वी निरंजन ज्योति की खासी पकड़ है,. वहीं कुर्मी वोटों पर सचान और सुखदेव प्रसाद वर्मा का प्रभाव माना जाता है । फतेहपुर में कांग्रेस सचान के सहारे कुर्मी वोटरों को एकजुट करने का प्रयास कर रही है, इसके अलावा कांग्रेस की नजर सवर्ण और मुस्लिम मतदाताओं पर है । सुखदेव प्रसाद वर्मा का बिंदकी और आसपास के क्षेत्रों में पकड़ है, वहीं राकेश सचान खागा विधानसभा सीट पर अच्छा प्रभाव है। राकेश सचान और सुखदेव प्रसाद वर्मा के बीच कुर्मी वोटों का बिखराव होने से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति को इसका लाभ मिलता दिख रहा है । हालांकि साध्वी निरंजन ज्योति को अपनों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है, मिल रही जानकारी के अनुसार पार्टी के कई विधायक और संगठन से जुड़े लोग उनसे नाराज है । इन नाराज नेताओं से निपटना साध्वी निरंजन ज्योति के लिये बड़ी चुनौती होने वाली है।
फतेहपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें फतेहपुर, जहानाबाद, बिन्दकी, अयाह शाह, खागा और हुसैनगंज विधानसभा सीट शामिल हैं, वर्तमान समय में इन 6 सीटों में एनडीए का कब्जा है ।