दर्द से परेशान होकर चढ़ा दी जीभ
मंदिर में जीभ चढ़ाने का यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, 65 साल के बाबूराम बहुत लंबे समय से जोड़ों के दर्द से परेशान चल रहे थे। जब कहीं किसी भी इलाज से दर्द सही नहीं हुआ तो उन्होंने अपनी जीभ काटकर माता के मंदिर में चढ़ा दिया। जीभ काटने की वजह से काफी खून निकला। इससे बुजुर्ग की हालत काफी बिगड़ने लगी।
मंदिर में जीभ चढ़ाने का यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, 65 साल के बाबूराम बहुत लंबे समय से जोड़ों के दर्द से परेशान चल रहे थे। जब कहीं किसी भी इलाज से दर्द सही नहीं हुआ तो उन्होंने अपनी जीभ काटकर माता के मंदिर में चढ़ा दिया। जीभ काटने की वजह से काफी खून निकला। इससे बुजुर्ग की हालत काफी बिगड़ने लगी।
मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने बुजुर्ग को अपने साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालगंज ले गई। फर्स्ट ऐड के बाद बुजुर्ग बाबूराम को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया है।
बुजुर्ग बाबूराम पासवान के बेटे धर्मपाल ने एक न्यूज वेबसाइट को बताया, “मेरे पिता पैर के दर्द से काफी परेशान रहते हैं। काफी इलाज करवाने के बाद भी उनके पैर का दर्द कम नहीं हुआ। इसलिए अपने दर्द से परेशान होकर उन्होंने नवरात्र में जीभ काटकर देवी को चढ़ा दिया। उनका मानना है कि ऐसा करने से उनके जोड़ों के दर्द ठीक हो जाएंगे।”
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‘पैरों के दर्द से लंबे समय से थे परेशान’बुजुर्ग बाबूराम पासवान के बेटे धर्मपाल ने एक न्यूज वेबसाइट को बताया, “मेरे पिता पैर के दर्द से काफी परेशान रहते हैं। काफी इलाज करवाने के बाद भी उनके पैर का दर्द कम नहीं हुआ। इसलिए अपने दर्द से परेशान होकर उन्होंने नवरात्र में जीभ काटकर देवी को चढ़ा दिया। उनका मानना है कि ऐसा करने से उनके जोड़ों के दर्द ठीक हो जाएंगे।”