जहां ग्रामीणों की माने तो खनन में इस्तेमाल मशीनों को उनके खेतों में छिपाने की वजह उनकी फसल बर्बाद होती है। जिसका उन्होंने विरोध किया तो खदान के कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की और प्रत्यारोप के बीच ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस पूरे मामले में पुलिस खदान वालों के शह पर काम करने में जुटी है और पुलिस पूरे मामले को दबाती दिख रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस अवैध खनन से अखिलेश सरकार की जमकर किरकिरी कराई थी। अब मौजूदा बीजेपी सरकार की पुलिस भी उन्हीं खनन माफियाओं के शह पर काम करती दिख रही है।