पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दोहरे हत्या का मुकदमा दर्ज कराय़ा था। जिस बेटी को पड़ोसियों ने मरी जान कर छोड़ा था वही इन सातों के सजा में बड़ी भूमिका निभाई। उसी के बयान के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। अदालत में भी उसने मां और बहन की हत्या का बदला लेने के लिए पूरी मजबूती से लड़ाई लड़ी। बेटी की लड़ाई का परिणाम रहा कि डेढ़ साल के बाद परिवार को न्याय मिल सका।