राखी पर बहन ने लगाई सरकार से फिर गुहार, परिजनों ने मदद के लिए विदेश मंत्रालय तक का दरवाजा खटखटाया लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ हाथ नहीं लगा…
फतेहपुर. शायद कभी आपने ऐसा सुना है की सजा पूरी होने के बाद भी कोई कैदी जेल में बंद हो। ऐसा ही कुछ फतेहपुर के रहने वाले एक परिवार के साथ हुआ है जिनका नौजवान बेटा सऊदी अरब देश में रोजगार कमाने के लिए गया था जहां ड्राईवर द्वारा किये गए एक्सिडेंट की सजा बेगुनाह को मिली सजा पूरी होने के बाद भी खाड़ी जेल में चार वर्षो से सजा काट रहा है।
पीड़ित परिवार अपने बेटे की वापसी की राह तक रहे हैं। वहीं बहन अपने भाई के कलाई में राखी बांधने की आश में अपने भाई का लगातार चार साल से इन्तजार कर रही है परिजनों ने मदद के लिए विदेश मंत्रालय तक का दरवाजा खटखटाया लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ हाथ नहीं लगा ।
थरियावं थाने के महोई गांव का रहने वाला धर्मेन्द्र कुमार सैनी जो 2011 में सऊदी अरब नौकरी करने के लिए गया था जहां पाकिस्तान के ड्राईवर के साथ सह चालक के रूप में रहा करता था और 2012 में पकिस्तान के ड्राईवर से एक्सिडेंट हो गया।
जिसमे दो की मौत हो गई थी जिसके बाद वहां की पुलिस ने ड्राईवर गिरफ्तार कर लॉकअप में डाल दिया।
वहीं गुनहगार ड्राईवर को लॉकअप से बाहर निकलवा कर सह चालक को सलाखों के पीछे सड़ने के लिए छोड़ दिया । परिजनों ने बताया की 2011 में सउदिया गया था जहां पकिस्तान के ड्राइवर द्वारा एक्सिडेंट कर दिया गया था और मेरे बेटे को फंसा दिया गया। जाने के तीन साल बाद जब बेटे का फोन आया तो जानकारी हुई की बेटा सउदिया की जेल में बंद है ।
तब से बेटे की रिहाई के लिए केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज से लेकर पूर्व की कांग्रेस सरकार से गुहार लगा चुके है की मेरे बेटे की रिहाई करवा दे लेकिन सिर्फ अश्वासन ही मिल रहा है। वहीं धर्मेंद्र के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है साथ ही बहन सिवनी भी लगातार चार साल से अपने भाई को राखी बांधने की आस में अपने भाई का इन्तजार कर रही है।