उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग महाकाल को राखी बांधने के साथ सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया, वहीं इंदौर के खजराना के गणेश जी को 44 इंच की राखी बांधी गई। उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के दरबार में सोमवार की सुबह भस्मारती के साथ राखी बांधी गई। मान्यता है कि कोई भी पर्व सबसे पहले बाबा महाकाल के दरबार में ही मनाया जाता है। उसी परंपरा के मुताबिक, अलसुबह महाकाल को राखी बांधी गई और सवा लाख लड्डुओं का प्रसाद लगाया गया। चंद्रग्रहण के कारण यहां दिन में दोपहर एक बजे तक ही प्रसाद का वितरण होगा।
इसी तरह इंदौर के खजराना के गणेश जी को 44 इंच की राखी बांधी गई। शहर का पालरेचा परिवार बीते 15 वर्षों से गणेश जी के लिए राखी बनाते आ रहा है। इस बार पालरेचा परिवार ने समुद्र मंथन की राखी बनाई है, जो पूरे विधि विधान के साथ गणपति जी को बांधी गई।
राज्य के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। दोपहर दो बजे तक ही मुहूर्त होने के कारण हर कोई चंद्रग्रहण का सूतक लगने से पहले ही रक्षाबंधन का पर्व मना लेने में जुटा है।
भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक झारखंड के देवघर स्थित कामना ज्योतिर्लिंग (बैद्यनाथ धाम) **** बिहार और झारखंड के अन्य शिवमंदिरों में सावन के अंतिम सोमवार और पूर्णिमा के मौके पर भक्त ‘बम-बम भोले’ और ‘हर-हर महादेव’ के गगनभेदी उच्चारण के बीच जलाभिषेक कर रहे हैं।
देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम शिवालय में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। बैद्यनाथ धाम में शिवभक्त ज्योतिर्लिंग के जलाभिषेक के लिए देर रात से ही कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे।