scriptAja Ekadashi 2021: जानें इस एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि | Aja Ekadashi 2021 shubh muhurat and puja vidhi 3 Sep.2021 | Patrika News

Aja Ekadashi 2021: जानें इस एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

locationभोपालPublished: Sep 03, 2021 12:29:50 am

सितबंर 2021 का पहला पर्व भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की एकादशी 03 सितंबर, शुक्रवार को

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हिंदू पंचाग के अनुसार भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। वहीं इस बार 2021 के सितंबर महीने में यही हिंदुओं का पहला पर्व पड़ रहा है। दरअसल शुक्रवार 3 सितंबर को पड़ने वाली एकादशी के दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही देवी तुलसी की भी पूजा करेंगे।

जानकारों के अनुसार एकादशी तिथि बृहस्पतिवार, 02 सितंबर 2021 को 6:21 AM से लग जाएगी जो शुक्रवार, 03 सितंबर 2021 को 7:44 AM तक रहेगी। वहीं इसका व्रत उदया तिथि को देखते हुए शुक्रवार,3 सितंबर को रखा जाएगा।
वहीं व्रत खोलने के लिए पारण का समय शनिवार,4 सितंबर 2021 5:30 AM से 8:23 AM तक है।

धर्म के जानकारों के अनुसार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष में आने वाली इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ ही श्री कृष्ण के अलावा श्री हरि विष्णु के अन्य अवतारों की भी पूजा की जाती है। वहीं इस दिन सुबह और शाम दोनों समय तुलसी जी की पूजा करने का भी विधान है।
aja ekadashi puja vidhi

जानकारों के अनुसार विष्णु भगवान के साथ देवी तुलसी की पूजा अवश्य की जाती है। वहीं भगवान विष्णु की पूजा और नेवेघ के समय तुलसी का इस्तेमाल विशेष तौर से किया जाता है।

वहीं भाद्रपद माह तो चातुर्मास का ही एक माह माना जाता है, और इस चातुर्मास में पालन की जिम्मेदारी स्वयं देवी तुलसी पर ही होती है। वहीं मान्यता के अनुसार एकादशी की शाम तुलसी के पास दीपक जलाना और मंत्रों का जाप करना चाहिए।

जानकारों के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि के पश्चात भक्त को भगवान विष्णु के व्रत और तुलसी पूजन का संकल्प लेना होता है। इस दिन देवपी तुलसी को सूर्योदय के बाद साफ जल चढ़ाना चाहिए।

जिसके बाद तुलसी की पूजा कर उन्हें लाल फूल, गंध और लाल वस्त्र अर्पित करने चाहिए। देवी तुलसी के समक्ष घी का दीपक जलाने के बाद किसी भी फल का भोग लगाएं। वहीं देवी तुलसी को सुबह जल चढ़ाते हुए तुलसी मंत्र पढ़ना चाहिए।

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पंडित सुनील शर्मा के अनुसार एकादशी के दिन सुबह के समय तुलसी और शालिग्राम पूजा के बाद तुलसी दान का भी संकल्प करना चाहिए। फिर भगवान विष्णु की पूजा के बाद गमले पर पीला कपड़ा इस तरह से लपेटें कि पूरा पौधा ढक जाए।

इसके पश्चात इस तुलसी की पौधे को करीब के किसी कृष्ण या विष्णु मंदिर में दान कर दें। वहीं कुछ धार्मिक ग्रंथों के अनुसार तुलसी के साथ फल का दान और अन्नदान भी करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से कई यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होते हैं।

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