अपरा एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त-
– अपरा एकादशी तिथि का आरंभ 29 मई दिन बुधवार को दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर हो जायेगा।
– एकादशी तिथि का समापान 30 मई दिन गुरुवार को शाम 4 बजकर 38 मिनट पर हो जायेगा।
– पारण का समय 31 मई दिन शुक्रवार को सुबह 5 बजकर 45 मिनट से 8 बजकर 25 मिनट तक।
मनोकामना पूर्ति के लिए श्रद्धालु अपरा एकादशी के दिन श्री विष्णु यंत्र की विशेष पूजा आराधना करते हैं। अपरा एकादशी के दिन की लोग ग्रह पीड़ा, वास्तुदोष और पारिवारिक कलह से छुटकारा पाने के लिए अनेक उपाय भी करते हैं। अपरा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा दशमी तिथि की रात्रि से ही व्रत नियमों के साथ शुरू हो जाती है।
30 मई 2019 गुरुवार को भूलकर भी न करें ये 11 काम, नहीं तो…
अपरा एकादशी के नियम-
1- व्रती को दशमी तिथि के दिन सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
2- सुबह सूर्योदय से पहले पवित्र नदी या गंगाजल मिले जल से स्नान करके धुले वस्त्रों को ही पहनना चाहिए।
3- विष्णु भगवान का ध्यान करते हुए पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुशा के आसन पर बैठकर, पीले कपड़े के आसन पर भगवान विष्णु की फोटो को स्थापित कर- धूप दीप जलाएं और कलश स्थापित कर षोडशोपचार विधि से पूजन करना चाहिए।
4- इस दिन निराहार उपवास रहकर शाम के समय अपरा एकादशी व्रत कथा सुनें या पढ़े।
5- शाम के समय भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने एक गाय के घी का दीपक जलाने के बाद फलाहार लिया जा सकता है।
6-अपरा एकादशी के दिन घर मे धन की बरकत के लिए तुलसी की माला से पीले आसन पर बैठकर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप 501 बार अवश्य करना चाहिए।
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