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अपरा एकादशी : शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि, 30 मई

locationभोपालPublished: May 29, 2019 02:18:23 pm

Submitted by:

Shyam

इस शुभ मुहूर्त में करें व्रत एवं पूजा

apara ekadashi 2019

अपरा एकादशी : शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि, 30 मई

हर साल ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी के रूप में मनाया जाता है। अपरा एकादशी के दिन जाने अनजाने में हुई गलतियों और पापों से मुक्ति की कामना से व्रत रखकर भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस एकादशी का व्रत करने से मुनष्‍य को प्रेत योनि के कष्‍ट नहीं भुगतने पड़ते, साथ ही भवसागर भी तर जाता है। जानें पूजा विधि एवं सटीक शुभ मुहूर्त।

 

अपरा एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त-

– अपरा एकादशी तिथि का आरंभ 29 मई दिन बुधवार को दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर हो जायेगा।
– एकादशी तिथि का समापान 30 मई दिन गुरुवार को शाम 4 बजकर 38 मिनट पर हो जायेगा।
– पारण का समय 31 मई दिन शुक्रवार को सुबह 5 बजकर 45 मिनट से 8 बजकर 25 मिनट तक।

 

मनोकामना पूर्ति के लिए श्रद्धालु अपरा एकादशी के दिन श्री विष्णु यंत्र की विशेष पूजा आराधना करते हैं। अपरा एकादशी के दिन की लोग ग्रह पीड़ा, वास्तुदोष और पारिवारिक कलह से छुटकारा पाने के लिए अनेक उपाय भी करते हैं। अपरा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा दशमी तिथि की रात्रि से ही व्रत नियमों के साथ शुरू हो जाती है।

 

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अपरा एकादशी के नियम-

1- व्रती को दशमी तिथि के दिन सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।

2- सुबह सूर्योदय से पहले पवित्र नदी या गंगाजल मिले जल से स्नान करके धुले वस्त्रों को ही पहनना चाहिए।

3- विष्णु भगवान का ध्यान करते हुए पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुशा के आसन पर बैठकर, पीले कपड़े के आसन पर भगवान विष्णु की फोटो को स्थापित कर- धूप दीप जलाएं और कलश स्थापित कर षोडशोपचार विधि से पूजन करना चाहिए।


4- इस दिन निराहार उपवास रहकर शाम के समय अपरा एकादशी व्रत कथा सुनें या पढ़े।

5- शाम के समय भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने एक गाय के घी का दीपक जलाने के बाद फलाहार लिया जा सकता है।

6-अपरा एकादशी के दिन घर मे धन की बरकत के लिए तुलसी की माला से पीले आसन पर बैठकर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप 501 बार अवश्य करना चाहिए।

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